(1) जब किसी वाक्य में बहुत ही अल्प समय के लिए रुकना हो तो वहां अल्प विराम का प्रयोग होता है।
(2) इसके अतिरिक्त जब किसी वाक्य में दो या दो से अधिक समान पद वाले शब्दों में प्रयोग होता है तो वहां भी अल्प विराम का प्रयोग होता है। जैसे :’चाय पीना, कॉफी पीना, क्रिकेट खेलना , हॉकी खेलना आदी ।
(3) उपाधियों के अलगाव के लिए भी अल्प विराम का प्रयोग होता है। ; जैसे : बी.ए , बी.एस.सी , ऍम.बी.बी.एस , पी.एच. डी.।
जब किसी वाक्य से हर्ष, विस्मय, घृणा, आश्रर्य, करुणा, भय, विवाद, ओह, हाय, अरे, काश, वाह, शाबाश, हाय किस्मत, इत्यादि का बोध हो तो ऐसे भावों को प्रकट करने के लिए विस्मयादिबोधक चिन्ह (!) का प्रयोग होता है। विस्मयादिबोधक चिन्ह (!) का प्रयोग अधिकतर अव्यय शब्द से पहले किया जाता है।
जैसे-
वाह! कितनी सुन्दर पोशाक है।
अरे! वह दुर्घटना में मारा गया।
शाबाश ! ये अपने बहादुरी का काम किया।
6. योजक चिह्न Hyphen (–)
किसी वाक्य में दो शब्दों में परस्पर संबंध बताने एवं उन्हें जोड़कर लिखने के लिए योजक-चिह्न (–) का प्रयोग किया जाता है।
जैसे-
माता-पिता
भाई-बहन
सीता-गीता
गली-गली
किसी वाक्य म॑ भाव का अचानक परिवर्तन होने पर भी योजक-चिह्न (–) का प्रयोग किया जाता है।
जैसे-
सब को सान्त्वना देना, बिखरी हुई सेना को इकट्ठा करना, और- और क्या?
बातचीत में रुकावट सूचित करने के लिए भी योजक-चिह्न (–) का प्रयोग किया जाता है।
जैसे-
मैं- अब चल- नहीं- सकता।
लेख के नीचे लेखक या पुस्तक के नाम के पूर्व भी योजक-चिह्न (–) का प्रयोग किया जाता है।
जैसे-
लेख / पुस्तक का नाम - लेखक का नाम
7. कोष्ठक चिह्न Bracket ()
किसी वाक्य में बीच में आए शब्दों या पदों के अर्थ में अधिक स्पष्टता लाने के लिए कोष्ठक चिह्न Bracket () का प्रयोग होता है। शब्द या वाक्यांश के अर्थ को स्पष्ट करने के लिए उसके निकट नए शब्द अथवा वाक्यांश को कोष्ठक के अन्दर लिखकर किया जाता है। कोष्ठक चिन्ह () में नए शब्द या वाक्य का प्रयोग करने से उस शब्द या वाक्य का अर्थ अधिक स्पष्ट हो जाता है।
भारत के पहले प्रधानमंत्री (प० जवाहरलाल नेहरू) का जन्म का जन्म 14 नवम्बर 1889 हुआ था।
डॉ० एपीजे अब्दुल कलाम (मिसाइल मैन) के पिता का नाम जैनुल आब्दीन था।
रानी मेरी का सौन्दर्य अद्वितीय था (जैसी वह सुरूपा थी, वैसी ही एलिजाबेथ कुरूपा थी।)
8. उद्धरण चिह्न Inverted Comma (' '), (" ")
किसी के महत्वपूर्ण वचन उद्धृत करने / किसी महान व्यक्ति द्वारा कही गयी बात को ज्यों का त्यों लिखने के लिए, कहावतों, या किसी वाक्य के खास शब्द पर जोर देने के लिए अवतरण चिह्न (”…”) का प्रयोग होता है।
जैसे-
"तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा। " - सुभाष चंद्र बोस
"हमेशा सत्य बोलो।” - गाँधी जी
9. विवरण चिह्न Following (:-)
विवरण चिन्ह (:-)का प्रयोग निर्देशक चिह्न के रूप में लिए किया जाता है। जब किसी शब्द या वाक्यांश के विषयों विवरण देना होता है तो विवरण चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
जैसे-
संज्ञा के निम्नलिखित 3 भेद होते हैं :-
1) व्यक्तिवाचक संज्ञा
2) जातिवाचक संज्ञा
3) भाववाचक संज्ञा
पत्र निम्नलिखित दो प्रकार के होते हैं:-
१. औपचारिक पत्र (formal letter)
२. अनौपचारिक पत्र (Informal letter)
10. निर्देशक चिह्न Dash (—)
निर्देशक चिह्न आकर में योजक चिन्ह से बड़ा होता है। निर्देशक चिह्न को पड़ी लकीर (—) से प्रदर्शित किया जाता है निर्देशक चिह्न को अंग्रेजी में देश कहते हैं। किसी शब्द, पद या वाक्यांश की परिभाषा स्पष्ट करने के लिए अथवा किसीव्यक्ति के द्वारा कहे गए कथन को अधिकृत करने से पहले निर्देशक चिह्न (c) का प्रयोग होता है।
वचन— ये दो प्रकार होते हैं।
शिक्षक मंत्री ने कहा — कल सभी शिक्षण संस्थानों में अवकाश रहेगा।
11. त्रुटिपूरक चिह्न/हंसपद Oblivion Sign (^)
जब किसी वाक्य में लिखते समय कोई शब्द छूट जाता है तो वाक्य में सुधर करने के लिए इस त्रुटिपूरक चिह्न/हंसपद (^) का प्रयोग किया जाता है। वाक्य में सुधर करने के लिए त्रुटिपूरक चिह्न/हंसपद (^) को लगाकर उस शब्द को ऊपर लिख दिया जाता है | जैसे –
जैसे-
मोहन ने 3 से कोई कार्य नहीं किया।
दिन
मोहन ने 3 ^ से कोई कार्य नहीं किया।
12. बिंदु या लाघव चिह्न Abbreviation Sign (०)
जब किसी बड़े नाम या शब्द का संक्षिप्त रूप (Short Form) में लिखने के लिए आवश्यकता होती है तो वहाँ लाघव चिन्ह/ संक्षेपसूचक(०) का प्रयोग किया जाता है। लाघव चिन्ह/ संक्षेपसूचक चिह्न को (०) के स्थान पर dot (.) का भी प्रयोग किया जा सकता है।
डॉक्टर शब्द के लिए - डॉ०
पुलिस के लिए - पु०
प्रोफेसर के लिए - प्रो.
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