समुच्चारित शब्द- समूह / समोच्चरित युग्म-शब्द | Samocharit Yugm Shabd in Hindi
भाषा में कुछ ऐसे शब्द भी होते हैं जिनके उच्चारण में लगभग समानता होती है लेकिन उनके अर्थ में अंतर होता है। जैसे- गृह और ग्रह। इन दोनों शब्दों के उच्चारण बिलकुल एक जैसे हैं किन्तु पहले शब्द "गृह" का अर्थ है घर और दूसरे शब्द "ग्रह" का अर्थ है- अंतरिक्ष के ग्रह, जैसे ⤍ पृथ्वी , मंगल आदि। हिन्दी में अनेक शब्द ऐसे है, जिनका भषा में अधिक प्रयोग होता है। समुच्चारित शब्द- समूह / समुच्चारित युग्म-शब्द को निम्न प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है।
समुच्चारित शब्द- समूह / समुच्चारित युग्म-शब्द की परिभाषा-
हिंदी भाषा के वे शब्द जिनका उच्चारण प्राय: समान होता है किन्तु उनके अर्थ भिन्न होते हैं, ऐसे शब्दों को समुच्चारित शब्द- समूह या समुच्चारित युग्म-शब्द कहते हैं।
समुच्चारित शब्द- समूह / समुच्चारित युग्म-शब्द के उदाहरण-
- अंगद ⤍ बाजूबन्द
- अगद ⤍ रोगरहित
- अग्र ⤍ आगे
- अगर ⤍ धूपबत्ती
- अंतर ⤍ फर्क
- अतर ⤍ इत्र
- अभिज्ञ ⤍ जानकार
- अविज्ञ ⤍ मूर्ख
- अंजित ⤍ काजल युक्त
- अजित ⤍ जो जीता न गया हो
- अंत ⤍ समाप्ति
- अंत्य ⤍ अंतिम
- अंबर ⤍ आकाश
- अमर ⤍ न मरने वाला
- अंश ⤍ हिस्सा
- अंस ⤍ कंधा
- अगम ⤍ जहाँ कोई न पहुँच सके
- आगम ⤍ शास्त्र
- अगर ⤍ यदि
- आगार ⤍ भंडार
- अजर ⤍ जिसे बुढ़ापा नहीं आता
- अजिर ⤍ आँगन
- अतल ⤍ तलहीन
- अतुल ⤍ जिसकी तुलना न हो सके
- अथक ⤍ जो न थकता हो
- अकथ ⤍ जो कहा न जा सके
- अनल ⤍ आग
- अनिल ⤍ वायु
- अनादि ⤍ जिसका आरम्भ नहीं है
- अन्नादि ⤍ अन्न वगैरह
- अन्न ⤍ अनाज
- अन्य ⤍ दूसरा
- अपमान ⤍ निरादर
- उपमान ⤍ जिससे उपमा दी जाए
- अपहार ⤍ अपहरण
- उपहार ⤍ भेंट
- अपेक्षा ⤍ तुलना में
- उपेक्षा ⤍ तिरस्कार
- अम्बुज ⤍ कमल
- अम्बुधि ⤍ सागर
- अभय ⤍ निर्भीकता
- उभय ⤍ दोनों
- अभिनय ⤍ नाटक का खेल करना
- अविनय ⤍ धृष्टता
- अभिज्ञ ⤍ जानकार
- अविज्ञ ⤍ मूर्ख
- अभिमान ⤍ अहंकार
- अभियान ⤍ चढ़ाई
- अभिराम ⤍ सुन्दर
- अविराम ⤍ लगातार.
- अमल ⤍ बिना मैल
- अम्ल ⤍ तेज़ाब
- अमूल ⤍ बिना जड़ का
- अमूल्य ⤍ अनमोल
- अरथी ⤍ टिकटी
- अर्थी ⤍ चाहनेवाला
- अरबी ⤍ अरब देशका
- अरबी ⤍ एककंद
- अरि ⤍ शत्रु
- अरी ⤍ स्त्री के लिए संबोधन
- अर्थ ⤍ अंजुलि भर जल देना
- अलि ⤍ भौरा
- अली ⤍ सखी
- अवधि ⤍ नियत समय
- अवधी ⤍ अवध की बोली
- अवरोध ⤍ रुकावट
- अविरोध ⤍ बिना विरोध के
- अवलंब ⤍ सहारा
- अविलंब ⤍ शीघ्र
- अपत्य ⤍ संतान
- अपथ्य ⤍ जो बीमार के लिए उपयुक्त न हो
- अशोच ⤍ चिंतारहित
- अशौच ⤍ अपवित्र
- आकर ⤍ खान, ख़ज़ाना
- आकार-शक्ल
- आदि ⤍ प्रारम्भ
- आदी ⤍ अभ्यस्त
- आधि ⤍ मानसिक कष्ट
- आधी ⤍ आधा की खीलिंग
- आभास ⤍ प्रतीत होना
- अभ्यास ⤍ आदत
- आयत ⤍ लम्बा-चौड़ा
- आयात ⤍ देश में माल लाना
- आयास ⤍ प्रद्ष
- आवास ⤍ निवास-स्थान
- आसन ⤍ बैठने की विधि
- आसन्न ⤍ निकट आया हुआ.
- आभरण ⤍ आभूषण
- आमरण ⤍ मृत्यु /मरण्पर्वनत
- आत्त ⤍ दुखी
- आद्र ⤍ गीला
- इंदिरा ⤍ लक्ष्मी
- इंद्रा ⤍ इंद्र की पत्नी
- इतर ⤍ अन्य
- इत्र ⤍ अंतर, पुष्पसार
- उतर ⤍ नीचे आना
- उत्तर ⤍ जवाब
- उपल ⤍ पत्थर
- उत्पल ⤍ कमल
- उर ⤍ हृदय
- ऊरु ⤍ जाँघ
- उद्यत ⤍ तैयार
- उद्धत ⤍ उद्दंड
- उदाहरण ⤍ दृशांत
- उद्धरण ⤍ उतारना
- उपस्थित ⤍ हाज़िर
- अनुपस्थित ⤍ गैरहाज़िर
- उपेक्षा ⤍ अवहेलना, निरादर
- अपेक्षा ⤍ अभिलाषा, आशा.
- ऋत-सत्य
- ऋतु ⤍ मौसम
- ओटना ⤍ बिनौले अलग करना
- औटना ⤍ खौलना
- ओर ⤍ तरफ़.
- और ⤍ तथा
- ककड़ी ⤍ एक तरकारी
- कंगाल ⤍ दरिद्र
- कंकाल ⤍ ठठरी
- कच ⤍ केश
- कुच ⤍ स्तन
- कुट ⤍ घर, किला
- कूट ⤍ पर्वव कीचोटी
- कांता ⤍ सुन्द खली
- कांतार ⤍ जंगल
- कटौती ⤍ कुछ अंश कम करना
- कठौती ⤍ काठ का कठोर
- कटिबद्ध ⤍ कमर कसे तैयार
- कटिवंध ⤍ पृथ्वी का भागकरधनी
- कटीली ⤍ सुन्दर, पैनी
- केटीली ⤍ कॉटोंवाली
- कड़ी ⤍ जंजीर का छल्ला
- 'कढ़ी ⤍ दही और बेसन का सालन/सब्जी
- कत्था ⤍ एक पेड की छाल
- कथा ⤍ कहानी.
- कदम ⤍ डग
- कदंब ⤍ एक पेड़
- कपिश ⤍ भूरा
- कपीश ⤍ हनुमान, बंदरों का राजा
- करकट ⤍ कचरा
- कर्कट ⤍ केकड़ा
- करण ⤍ साधन
- कर्ण ⤍ कान
- कर्म ⤍ काम
- क्रम ⤍ सिलसिला
- कलपना ⤍ दुखी होकर बिलखना
- कल्पना ⤍ मूर्त विचार
- कलि ⤍ कलयुग
- कली ⤍ अनखिला फूल
- निवृत्त ⤍ मुक्त
- निवृत्ति ⤍ मुक्ति
- 'पट्ट ⤍ तख्ता
- पट ⤍ कपड़ा
- प्रवाल ⤍ मूंगा
- प्रवार ⤍ बख्र
- पुर ⤍ नगर
- पूर ⤍ बाढ़
- परिणाम ⤍ नतीजा
- परिमाण ⤍ मात्रा
- पतन ⤍ गिरावट, विनाश
- पत्तन ⤍ कस्बा, नगर
- पता ⤍ ठिकाना
- पत्ता ⤍ पर्ण
- पत्ति ⤍ पैदल सिपाही
- पति ⤍ स्वामी
- निवृत्त ⤍ मुक्त
- निवृत्ति ⤍ मुक्ति
- पट्ट ⤍ तख्ता
- पट ⤍ कपड़ा
- प्रवाल ⤍ मूंगा
- प्रवार ⤍ बस्तर
- परिणाम ⤍ नतीजा
- परिमाण ⤍ मात्रा
- पतन ⤍ गिरावट, विनाश
- पत्तन ⤍ कस्बा, नगर
- पता ⤍ ठिकाना
- पत्ता ⤍ पर्ण
- पति ⤍ स्वामी
- पत्ती ⤍ पत्तापर्ण
- पथ्य ⤍ जहार
- पथ ⤍ मार्ग
- परिणत ⤍ रूपांतरित
- प्रणत ⤍ झुका
- परिणीत ⤍ विवाहित
- परिणाम ⤍ नतीजा
- प्रणाम ⤍ नमस्कार
- परिमाण ⤍ नापतौल
- परिवर्तन ⤍ बदलाव
- 'परुष ⤍ कठोर
- पुरुष ⤍ आदमी
- पानी ⤍ जल
- पाणि ⤍ हाथ
- पाव ⤍ एक चौथाई
- पाँव ⤍ पैर
- पाश ⤍ फंदा
- पार्ख ⤍ बगल.
- पास ⤍ निकट
- पीक ⤍ थूक
- पिक ⤍ कोयल
- प्रणय ⤍ प्रेम
- परिणय ⤍ विवाह
- प्रदीप ⤍ दीपक
- प्रतीप ⤍ उलटा/विशेष/ काव्यालंकार
- प्रदेश ⤍ इलाका
- परदेश ⤍ दूसरा देश
- प्रमाण ⤍ सबूत
- प्रणाम ⤍ नमस्कार
- प्रवाह ⤍ बहाव
- परवाह ⤍ चिंता
- प्राकार ⤍ चार दीवारी, परकोटा (किले की)
- प्रकार ⤍ तरह
- प्राप्त ⤍ मिला
- पर्याप्त ⤍ बहुत काफी
- फण ⤍ साँप का सिर
- फड़ ⤍ बिछावन, बाचना
- फ़न ⤍ हुनर, गुण
- बंदी ⤍ कैदी
- बंदी ⤍ भाट/चारण
- कुल ⤍ सारा, वंश
- कांति ⤍ चमक
- क्रांति ⤍ उलट-फेर
- क्लांति ⤍ बकावट
- किला ⤍ दुर्ग
- कीला ⤍ बड़ी कील
- कुल ⤍ सारा, वंश
- कूल ⤍ किनारा
- कृति ⤍ रचना
- कृती ⤍ निषुण, कर्ता, यशस्वी
- कृमि ⤍ कीड़ा
- कर्मी ⤍ कर्मचारी
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