अनेक शब्दों के लिए एक शब्द / शब्द-समूह के लिए एक शब्द / Anek Shabdon Ke Liye Ek Shabd - in Hindi. / One Word Substitution- Hindi Vyakaran / हिंदी में अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग।
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द क्या है?
Anek Shabdon Ke Liye Ek Shabd - in Hindi
प्रायः भाषा में अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग कर देने से भाषा का सौन्दर्य बढ़ जाता है। जैसे- शक और सब्जी खाने वाले शब्द-समूह के लिए 'शाकाहारी', मांस खाने वाला शब्द-समूह के लिए 'मांसाहारी' शब्द अच्छा लगेगा। इसी प्रकार भाषा में "जानने की इच्छा रखने वाला" शब्द समूह के लिए "जिज्ञासु" ,"जिनके आने की कोई तिथि न हो" शब्द समूह के लिए "अतिथि" का प्रयोग करने से भाषा का सौन्दर्य बढ़ जाता है।
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द" की परिभाषा:
Anek Shabdon Ke Liye Ek Shabd - Definition in Hindi
जब किसी भाषा में अनेक शब्दों या शब्द समूह के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग करने से काम चल जाए तथा इसके साथ - साथ उस भाषा में सौन्दर्य भी उत्पन्न हो तो ऐसे शब्द समूह या अनेक शब्दों के लिए प्रयुक्त शब्द, अनेक शब्दों के लिए लिए एक शब्द कहलाता है।
हम इस पोस्ट में [500+] पांच सौ से अधिक अनेक शब्दों के लिए एक शब्द दे रहे हैं। Anek Shabdon Ke Liye Ek Shabd परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही Important हैं। हमने यहाँ विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर पूछे जाने वाले तथा पिछले कई वर्षों में सरकारी एवं बोर्ड परीक्षाओं में पूछे गए 547 अनेक शब्दों के लिए एक शब्द दे रहे है।
शब्द-समूह के लिए एक शब्द Board Exams के साथ - साथ Compatetive Exams / सरकारी परीक्षाओं के लिए भी बहुत ही महत्त्वपूर्ण हैं। और अक्सर केंद्र तथा राज्य स्तरीय हिंदी परीक्षाओं में अनेक शब्दों के लिए एक शब्द - हिंदी व्याकरण सेक्शन में जरूर पूछ लिए जाते हैं। अतः निम्लिखित दिए गए अनेक शब्दों के लिए एक शब्द का अभ्यास समय-समय पर अवश्य करते रहें।
547 अनेक शब्दों के लिए एक शब्द:
- अंडे
से जन्म लेने वाला ➾ अंडज
- अच्छे
आचरण वाला ➾ सदाचारा
- अतिथि
की सेवा करने वाला ➾ अतिथेय
- अधिकार
में आया हुआ ➾ अधिकृत
- अनुचित
बात के लिए आग्रह ➾ दुराग्रह
- अनुचित
यौन सम्बन्ध करने वाला ➾ व्यभिचारी
- अनेक
प्रकार की वस्तुयें रखी जायें ➾ प्रदर्शनी
- अन्थ
के वे बचे हुए अंश जो प्रायः अन्त में जोड़े जाते हैं ➾ परिशिष्ट
- अन्य
से सम्बन्ध न रखने वाला ➾ अनन्य
- अपनी
इच्छा से दूसरों की सवा करने वाला ➾
स्वयंसेवक
- अपनी
इच्छानुसार आचरण करने वाला ➾
स्वेच्छाचारी
- अपने
देश के साथ विश्वासघात करने वाला ➾
देशद्रोही
- अपने
स्थान से हटा हुआ ➾ च्युत
- अपने
ही पति की अनुरागिनी स्त्री ➾
स्वकीया
- अर्थ
से सम्बन्ध रखने वाला ➾ आर्थिक
- आकाश
को चूमने वाला ➾ 'गगनचुम्बी
- आदर्शमूलक
भावना को प्रश्नय देने वाला मत ➾
आदर्शवाद
- आधिकारिक
रूप से सरकार द्वारा प्रकाशित होने वाला पत्र ➾ राजपत्र
- आवश्यकता
से अधिक धन का त्याग ➾ अपरिग्रह
- इच्छानुसार
अपना पति चुनने वाली कन्या ➾
स्वयंबरा
- इतना
कि जो पर्याप्त हो ➾ इत्यलम्
- इतिहास
के पूर्व काल से सम्बन्धित ➾
प्रागैतिहासिक
- इन्द्र का सफेद हाथी -ऐराबत
- इन्द्रियों से सम्बन्धित -ऐन्द्रिक
- इस
लोक से सम्बन्धित ➾ लौकिक
- ईश्वर
को न मानने वाला ➾ नास्ति
- उत्तर
पाने पर दिया हुआ उत्तर ➾ प्रत्युत्तर
- उपनिवेश सम्बन्धी -औपनिवेशिक
- उपनिषद् सम्बन्धी -औपनिषदिक
- ऊंचे स्वर से उच्चारण किया हुआ -उर्ध्वोच्चारित
- एक
बार कहे शब्द या वाक्य को फिर कहना ➾
पिष्टपेषण
- एक
व्यक्ति द्वारा चलाई जाने वाली शासन प्रणाली ➾ तानाशाही
- एक
समय में रहने वाला अथवा होने वाला ➾
समकालीन
- एक
से अधिक बातों में से किसी को स्वीकार करना ➾
विकल्प
- एक
से अधिक माताओं से पैदा हुआ भाई ➾
अन्योदर
- एक
ही माँ से पैदा भाई ➾ सहोदर
- एक-एक
अक्षर तक ➾ अक्षरशः
- ऐसा ग्रहण जिसमें सूर्य पूण ढक जाये -खतग्रास (सूर्य ग्रहण)
- ऐसा ग्रहण जिसमें सूर्य या चन्द्र का पूरा बिम्ब ढक जाय खग्रास
- ऐसी जीविका जो आकस्मिक हो -आकाशवृत्ति
- कठिनाइयों
से भागने की प्रवृत्ति ➾ पलायनवृत्ति
- कम
बोलने वाला ➾ पमितभाषी
- कम
या मर्यादित खर्च करने वाला ➾
मितव्ययी
- कमल के समान आँखों वाली -कमलनयनी
- कमल
के समान चरण ➾ चरणकमल
- कही हुई बात को बार-बार कहना। -पिष्ठपेषण
- कानों
को अच्छा लगने वाला ➾ कर्णप्रिय
- कार्य
में योग देने वाला कई वस्तुओं का एक में मिला होना ➾ संश्लेषण
- किर्सी
के स्थान पर आया हुआ ➾ स्थानापन्न
- किसी
कथा, बात या प्रसंग के अन्तर्गत आने वाली कोई दूसरी कथा या प्रसंग ➾ अन्तर्कथा
- किसी
काम में दूसरे से आगे बढ़ जाने की इच्छा ➾
स्पर्द्धा
- किसी
की कृपा से अति सन्तुष्ट ➾ कृतार्थ
- किसी के पास रखी हुई दूसरे की वस्तु। -अमानत
- किसी
गूढ़ विषय की बृहत् टीका ➾ भाष्य
- किसी
पुरुष से प्रेम करने वाली अविवाहित स्त्री ➾
अनूढ़ा
- किसी
मत का सर्वप्रथम प्रवर्तन करने वाला आदि ➾
प्रवर्तक
- किसी
वस्तु का चौथा भाग ➾ अतुर्थाश
- किसी
वस्तु के बदले कोई वस्तु बेचने की क्रिया वस्तु ➾ विनिमय
- किसी
विचार को कार्य रूप में बदलना ➾
कार्यान्वयन
- किसी विशेष वस्तु की सामान्य इच्छा -कामना
- किसी
विषय की मीमांसा करने वाला ➾
मीमांसक
- किसी
व्यक्ति को उसके श्रम के लिए दी जाने वाली रकम ➾ पारिश्रमिक
- कुछ
लाभ पाने की इच्छा ➾ लिप्सा
- कुश
की नोक सी तीखी जिसकी बुद्धि हो ➾
कुशाग्रबुद्धि
- कृश
शरीर वाला ➾ क्षीणकाय
- कोई
वस्तु जो किसी दूसरे को सौप दी गई हो ➾
हस्तान्तरित
- क्रम
के अनुसार ➾ अथाक्रम
- क्षण
भर में नष्ट होने वाला ➾ क्षणभंगुर
- क्षमा
करने योग्य ➾ क्षम्य
- क्षमा
करने वाला ➾ क्षमाशील
- खाने
की इच्छा ➾ बुभुक्षा
- खून
से लथ-पथ ➾ रक्तरंजित
- गणित
को जानने वाला ➾ गणितज्ञ
- गद्य
और पद्य युक्त काव्य ➾ च्म्पू
- गरीबों
को नित्य भोजन देना ➾ सदावर्त
- गर्भस्थ
शिशु की हत्या ➾ श्रूणह॒त्या
- गहरी
नींद में सोया हुआ ➾ सुषुप्त
- गायों
के रहने का स्थान ➾ गोशाला
/गोष्ठ
- गुरु के समीप या साथ रहने वाला छात्र -अन्तेबासी
- गुरु
के समीप रहने वाला विद्यार्थी ➾
अँतेवासी
- गोद
में सोने वाली स्त्री ➾ अँकशायिनी
- गोद
लिया हुआ ➾ दत्तक
- चन्द्र
है चूड़ा पर जिसके ➾ अन्द्रचूड़
- चांदनी
रात ➾ शर्वरी
- चाटने
योग्य वस्तु ➾ लेह्य
- चीन
से आने वाला रेशमी कपड़ा ➾ चीनांशुक
- छह
माह में पड़ने वाला ➾ षटमासिक
- छूत
या संसर्ग से फैलने वाला रोग ➾
संक्रामक
- छोटा
कथात्मक प्रबन्ध काव्य जिसमें महाकाव्य के समस्त लक्षण न हों ➾ खण्डकाव्य
- जंगल
में लगी हुई आग ➾ दावानल
- जन्म
से सौ वर्ष का समय ➾ जन्मशती
- जल
में पैदा होने वाला ➾ जलज
- जल
में रहने वाले जीव ➾ जलचर
- जल
में विचरण करने वाला जीव ➾ जलचर
- जल-थल दोनों जगह रहने वाला जीव -उभयचर
- जहाँ अपराधी रखे जाते हो -कारावास
- जहाँ
किसी बात का डर न हो ➾ निरापद
- जहाँ खाना मुफ्त में मिलता है -सदाब्रत
- जहाँ
जाना कठिन हो ➾ दुर्गम
- जहाँ
तक सध सके ➾ यथासाध्य
- जहाँ
तक सम्भव हो ➾ यथासम्भव
- जहाँ
पृथ्वी और आकाश मिले दिखें ➾
क्षितिज
- जहाँ
से मार्ग चारों ओर जाते हों ➾
चौराहा
- जहां अपराधी रखे जाते हो - कारावास या जेल
- जहां
आबादी न हो ➾ निर्जन
- जाकर
लौटा हुआ ➾ प्रत्यागत
- जानने
की इच्छा रखने वाला ➾ जिज्ञासु
- जानने की इच्छा रखने वाला -जिज्ञासु
- जानने या ज्ञान प्राप्त करने की इच्छा वाला जिज्ञासु
- जिनके आने की कोई तिथि न हो -अतिथि
- जिस
(वस्तु) की आकांक्षा हो ➾ ईप्सित
- जिस
पर अनुग्रह किया गया हो ➾ अनुगृहीत
- जिस
पर अभियोग लगाया गया हो ➾ अभियुक्त
- जिस
पर आक्रमण न किया गया हो ➾ अनाक्रान्त
- जिस
पर आक्रमण हो ➾ आक्रान्त
- जिस
पर मुकदमा चल रहा हो ➾ अभियुक्त
- जिस पर विश्वास किया गया है। -विश्वस्त
- जिस
पर शासन किया जाए ➾ शासित
- जिस
पुरुष का स्वर्गवास हो गया हो ➾
दिवंगत या स्वर्गवासी
- जिस
पुरुष की स्त्री मर गई हो ➾
विधुर
- जिस
बच्चे के माँ-बाप न हों ➾ अनाथ
- जिस लड़की का विवाह न हुआ हो -कुमारी
- जिस
समय बड़ी मुश्किल से भिक्षा मिलती है ➾
दुर्भिक्ष
- जिसका
अनुभव इन्द्रियों द्वारा न हो ➾
अतीन्द्रिय
- जिसका
अपकार किया गया हो ➾ अपकृत
- जिसका
अहंकार चूर्ण हो गया हो ➾ आर्त्तगर्व
- जिसका आदि और अन्त न हो -अनाद्यानन्त
- जिसका
उत्तर खोजना पड़े, ऐसा कथन ➾
प्रहेलिका
- जिसका
उत्साह समाप्त हो चुका हो ➾
हतोत्साहित
- जिसका
उपकार किया गया हो ➾ उपकृत
- जिसका
ऊपर उल्लेख किया जा चुका है ➾
उपर्युल्लिखित
- जिसका कभी अन्त न होने वाला हो -अनन्त
- जिसका
कभी जन्म न हआ हो ➾ अजन्मा
- जिसका
कोई अंग टूट या बिगड़ गया हो ➾
विकलांग
- जिसका
कोई आकार हो ➾ साकार
- जिसका कोई शत्रु उत्पन्न न हो -अजातशत्रु
- जिसका
खण्डन न किया जा सके ➾ अखण्डनीय
- जिसका
जन्म पहले हुआ हो ➾ अग्रज
- जिसका
जन्म पीछे हुआ हो ➾ अनुज
- जिसका
ज्ञान इन्द्रियों द्वारा न हो ➾
अगोचर
- जिसका
ठीक तौर से आकलन सम्भव न हो ➾
दुष्परिमेय
- जिसका
दमन करना बहुत कठिन हो ➾ दुर्दम्य
- जिसका पति जीवित न हो -विधवा
- जिसका
प्रयोजन सिद्ध हो हि [का हो ➾
सिद्धकाम
- जिसका
रोकना या निवारण करना कठिन हो ➾
दुर्निवार्य
- जिसका
वर्णन न हो सके ➾ वबर्णनातीत
- जिसका
सम्बन्ध साहित्य से हो ➾ साहित्यिक
- जिसकी
आशा न की गई हो ➾ निराशा
- जिसकी
आशा न की गयी हो ➾ आशातीत
- जिसकी
आशा न रही हो ➾ अप्रत्याशित
- जिसकी
इन्द्रियाँ वश में हों ➾ जितेन्द्रिय
- जिसकी उत्पत्ति स्वभावगत न हो -कृत्रिम
- जिसकी
उपमा न दी जा सके ➾ अनुपमेय
- जिसकी कोई सीमा न हो -असीम
- जिसकी
गहराई का पता न चले ➾ अथाह
- जिसकी गहराई न नापी जा सके -अगाध
- जिसकी
ग्रीवा सुन्दर हो ➾ सुग्रीब
- जिसकी
जड़ अथवा उत्पत्ति का ज्ञान न हो ➾
निर्मूल
- जिसकी
नाप तौल न हो सके ➾ अपरिमेय
- जिसकी
पत्नी साथ में न हो ➾ विपत्नीक
- जिसकी
परिभाषा देना संभव न हो ➾ अपरिभाष्य
- जिसकी
बाँह घुटने तक हो ➾ आजानबाह
- जिसकी
रक्षा करना उचित हो ➾ रक्षणीय
- जिसकी
समस्त कामनायें पूरी हो गयी हों ➾
आप्तकाम
- जिसकी
सीमा न हो ➾ सीमातीत
- जिसके आने की कोई तिथि न हो -अतिथि
- जिसके एक ही आँख हो -एकाक्ष
- जिसके
चार भुजाएँ हों ➾ अतुर्भुज
- जिसके
पास कुछ न हो ➾ अकिंचन
- जिसके
बिना काम न चल सके ➾ अनिवार्य
- जिसके
मन में श्रद्धा हो ➾ श्रद्धालु
- जिसके
हाथ में चक्र हो ➾ अक्रपाणि
- जिसके
हाथ में वज्र हो ➾ वज्रपाणि
- जिसके
हाथ में शूल हो ➾ शूलपाणि
- जिसको आशा न को गई हो -आशातीत
- जिसको
क्षमा न किया जा सके ➾ अक्षम्य
- जिसको
गोद में स्थान मिला हो ➾ अँकस्थ
- जिसको जाना नहीं जा सकता -अज्ञेय
- जिसने अभी विवाह न किया हो -कुँआरा
- जिसने
उधार लिया हो ➾ ऋणी
- जिसने
प्रतिष्ठा प्राप्त की हो लब्ध ➾
प्रतिष्ठ
- जिसने
यश प्राप्त किया हो ➾ यशस्वी
- जिसने
सुनकर बहुत ज्ञान पाया हो ➾
बहुश्रुत
- जिसमें
उत्साह न हो ➾ निरुत्साही
- जिसमें
मांस न मिला हो ➾ निरामिष
- जिसमें
लज्जा न हो ➾ निर्लज्ज
- जिसमें
विवेक का अभाव हो ➾ अविवेकी
- जिससे
विकार उत्पन्न हो ➾ विकारी
- जिसे
अन्य का बल या सहारा हो ➾ अपरबल
- जिसे
अपने स्थान से हटा दिया गया है ➾
विस्थापित
- जिसे ईश्वर में विश्वास नहीं है -नास्तिक
- जिसे
कर्त्तव्य न सूझ रहा हो ➾ कर्त्तव्यविमूढ़
- जिसे
खाना मुश्किल हो ➾ दुर्भक्ष्य
- जिसे
जानकारी बहुत अधिक हो ➾ विज्ञ
- जिसे जीता न जा सके - अजेय
- जिसे
त्यागा न जा सके ➾ अपरिहार्य
- जिसे
प्रसन्न करना कठिन हो ➾ दुराराध्य
- जिसे बुलाया न गया हो -अनाहूत
- जिसे भले-बुरे का ज्ञान न हो -अविवेकी
- जिसे
भुलाया न जा सके ➾ अविस्मृति
- जिसे वाणी व्यक्त न कर सके -अवर्णनीय
- जिसे
वेतन न मिलता हो ➾ अवैतनिक
- जिसे शब्दों में नहीं कहा जा सकता है -अकथनीय
- जिसे
शास्त्रों की अच्छी जानकारी हो ➾
शास्त्रज्ञ
- जिसे
सब पसन्द करें ➾ सर्वप्रिय
- जिसे
समाज, अथवा देश जाति से निकाल दिया गया हो ➾
बहिष्कृत
- जीतने
की इच्छा वाला ➾ जिगीषु
- जीने
की इच्छा ➾ जिजीविषा
- जीवों
पर शरीरधारियों के द्वारा प्राप्त दुःख ➾
आधिभौतिक
- जैसा
उचित हो ➾ यथोचित
- जैसा
कि साधारण रूप से मालूम पड़ता है ➾
प्रतीयमानतः
- जैसा
पहले था ➾ यथापूर्व
- जो
(जानवर) किसी की देख-रेख में न हो ➾
अनेर
- जो अच्छे कुल में उत्पन्न हुआ हो -कुलीन
- जो
अधिक बोलता हो ➾ वाचाल
- जो
अपना ही हित चाहता हो ➾ स्वार्थी
- जो
अपने आप उत्पन्न हुआ हो ➾ स्वयंभू
- जो अपने वीर्य को न गिरने दे -ऊध्वरिता
- जो
अभी तक न आया हो ➾ अनागत
- जो अभी-अभी उत्पन्न हुआ हो -नवजात
- जो
असत्य न बोले ➾ सत्यवादी
- जो
आकाश में चलता हो ➾ खेचर
- जो
आगे की बात सोचता है ➾ भविष्यचेता
- जो
आगे की बात सोचता हो ➾ अग्रसोची
- जो
आवश्यकता से अधिक बोलता हो ➾
बाचाल
- जो
आसानी से प्राप्त किया जा सके ➾
सहजलब्ध
- जो
इधर-उधर से धूमता-फिस्ता आ जाए ➾
आगन्तुक
- जो
इन्द्रिय रहित हो ➾ निरीन्द्रिय
- जो
ईश्वर में विश्वास करता हो ➾
आस्तिक
- जो
एक जगह से दूसरी पर न लाया जा सके ➾
स्थावर
- जो
कठिनाई से समझ में आये ➾ दुर्बोध
- जो
कभी बूढ़ा न हो ➾ अजर
- जो
कम बोलने वाला हो ➾ मितभाषी
- जो कर्तव्य से च्युत हो गया हो -कर्त्तव्यच्युत
- जो
कहा न गया हो ➾ अकथित
- जो
कानून के अनुसार हो ➾ बैध
- जो
कानून के प्रतिकूल हो ➾ अवैध
- जो
काफी दिक्कत से काबू में आ सके ➾
दुरभिग्रह
- जो
कार्य किसी दूसरे प्रधान कार्य के कस्ते समय थोड़े प्रयास से ही हो जाए ➾ आनुषगिक
- जो किये जाने योग्य हो -करणीय
- जो
किसी अन्य के भरोसे अथवा संरक्षण में हो ➾
अन्याश्रित
- जो
किसी वंश में बराबर होता आया है ➾
आनुवंशिक
- जो
किसी विकार से ग्रस्त हो ➾ विकृत
- जो
किसी विषय की विशेष जानकारी रखता हो ➾
विशेषज्ञ
- जो कुछ नहीं जानता है -अज्ञ
- जो केवल कहने-सुनने के लिए हो -औपचारिक
- जो
कोई वस्तु माँगता है ➾ याचक
- जो
ख्री कविता रचती है ➾ क्रवयित्री
- जो गणना के अयोग्य हो -अगणनीय
- जो
चक्र धारण करता है ➾ अक्रधर
- जो
चिन्तन करने योग्य न हो ➾ अचिन्त्य
- जो
छः माह में एक बार हो ➾ अर्द्धवार्षिक
- जो
छाती के बल गमन करता है ➾ उरग
- जो
जमीन के भीतर की वस्तुओं का अध्ययन करता हो ➾
भूगर्भवेत्ता
- जो जरा सा भी खर्च करने में आनाकानी करता है -मितव्ययी
- जो
जानने योग्य हो ➾ ज्ञातव्य
- जो
जाना जा सके➾ ज्ञेय
- जो जाना न जा सके अज्ञेय
- जो
जीत लिया गया हो ➾ विजित
- जो
झूठ न बोलता हो ➾ सत्यवादी
- जो
ढेँका न हो ➾ अनावृत्त
- जो
तीन माह में एक बार हो ➾ अैमासिक
- जो
तौला या मापा जा सके ➾ परिमेय
- जो दायर मुकदमे का बचाव करें -प्रतिवादी
- जो
दिखाई न देता हो ➾ अदृश्य
- जो दिन में एक बार भोजन करता हो -एकभुक्त
- जो
दूर की बात सोच न सके ➾ अनाग्रसोची
- जो
दूसरे को वाणी से देने को कह चुके हों ➾
वाग्दत्त
- जो
दूसरों का भला चाहता हो ➾ परार्थी
- जो
दूसरों में लीन या मिल गया हो ➾
विलीन
- जो
देखने में प्रिय लगे ➾ प्रियदर्शी
- जो
देखा न गया हो ➾ परोक्ष
- जो
धरती फोड़कर जन्मता हो ➾ उद्भिज
- जो नया न हो अनूतन
- जो
नापा न जा सके ➾ अपरिमेय
- जो
नियमानुकूल न हो ➾ अनियमित
- जो
निरन्तर कई वर्षों से चलता रहे ➾
वर्षानुवर्ष
- जो
नीचे लिखा गया है ➾ अधोलिखित
- जो
नीतिवान हो ➾ नीतिज्ञ
- जो पढ़ना-लिखना जानता हो -साक्षर
- जो
पढ़ा न गया हो ➾ अपठित
- जो
पहले कभी घटित न हुआ हो ➾ अघटित
- जो
पहले कभी न हुआ हो ➾ अभूतपूर्व
- जो
पान करने योग्य न हो ➾ अपेय
- जो पाप-पुण्य से रहित हो -केवलात्मा
- जो
पास-पास न हो ➾ विरल
- जो
पीछे चलता हो ➾ अनुगामी
- जो
पृथ्वी से सम्बन्धित हो ➾ पार्थिव
- जो
प्रतीत न हो सके ➾ अप्रतीयमान
- जो
प्रमाण देने के योग्य न हो ➾
अप्रामाण्य
- जो
प्रमाण से सिद्ध न हो सके ➾
अप्रमेय
- जो
प्रशंसा के योग्य न हो ➾ अप्रशस्त
- जो
प्रामाण से सिद्ध हो सके ➾ प्रमेय
- जो
फाँदने या लाँघने योग्य न हो ➾
दुल॑घ्य
- जो फूल अभी नहीं खिला है -कली
- जो
फूल आधा खिला हो ➾ मुकुल
- जो
बकवादी न हो ➾ अप्रगल्भ
- जो
बदला न जा सके ➾ अपरिवर्तनीय
- जो
बराबर न हो ➾ असम
- जो
बहुत भाषाएं जानता है ➾ बहुभाषाविद्
- जो
बाँये हाथ से काम करता हो ➾
सव्यसाची
- जो
बुद्धि द्वारा जाना जा सके ➾
बोधगम्य
- जो
भली भाँति पाला या पोषा गया हो ➾
परिपुष्ट
- जो
भवन गिर गया हो ➾ खंडहर
- जो
भविष्य में होने वाला है ➾ भवितव्य
- जो
भूमि का लेखा-जोखा रखता हो ➾
लेखपाल
- जो
भूमि को धारण करता है ➾ भूधर
- जो
भेदा या छेदा न जा सके, जो टूट न सके➾ अभेद्य
- जो
भेदा या तोड़ा न जा सके ➾ अभेद्य
- जो मांस न खाता हो -निरामिष
- जो
मृत्यु के समीप हो ➾ मरणासन्न
- जो
युद्ध में स्थिर रहता है ➾ युधिष्ठिर
- जो
रुका हुआ न हो ➾ अनिरुद्ध
- जो
लिखना-पढ़ना जानता हो ➾ साक्षर
- जो
लेखा-जोखा रखता हो ➾ लेखाकार
- जो
लोक या संसार में न हो ➾ लोकोत्तर
- जो
वर्ष में एक बार हो ➾ वार्षिक
- जो
वाद (मुकदमा) चलाये ➾ बादी
- जो
व्यवहार में न लाया गया हो ➾
अव्यवहत
- जो
व्याकरण जाता है ➾ वैयाकरण
- जो
शरण का इच्छुक हो ➾ शरणार्थी
- जो
शोक करने योग्य न हो ➾ अशोक
- जो
संसार का संहार करता हो ➾ संहारक
- जो
सदा से चला आ रहा है ➾ शाश्वत
- जो
सदा से चला आ रहा हो ➾ सनातन
- जो सब कुछ उदारता से देना जानता है -औदार्यदाता
- जो
सब कुछ जानता हो ➾ सर्वज्ञ
- जो सब कुछ जानता हो -सर्वज्ञ
- जो
सबको समान समझता अथवा देखता हो ➾
समदर्शी
- जो
सबमें व्याप्त है ➾ विक्षु
- जो
सरों से जन्मता हो ➾ सरसिज
- जो
सर्वत्र व्याप्त हो ➾ सर्वव्यापा
- जो सामान्य नियम के विरुद्ध हो -अपवाद
- जो
स्पष्ट न दिखायी दे ➾ धूमिल
- जो
स्मरण रखने योग्य हो ➾ स्मरणीय
- जो
स्वयं उत्पन्न हुआ हो ➾ स्वयंभू
- जो
स्वयं का मत मानने वाला हो ➾
आत्माभिमत
- जो
हमेशा रहने वाला हो ➾ स्थायी
- जो
होने को हो या होकर ही रहे ➾
होनहार
- ज्ञान
की महत्ता ज्ञान ➾ गरिमा
- ज्ञान-नेत्र से देखने वाला अन्धा व्यक्ति -ज्ञानचक्षु
- टूटे-फूटे
पदार्थ के बचे टुकड़े ➾ भग्नावशेष
- तत्व
को जानने वाला ➾ तत्त्वज्ञ
- तपस्या
करने योग्य वन ➾ तपोवन
- तरकारी
और फलों का भोजन करने वाला ➾
शाकाहारी
- तरने,
तैर या पार होने की इच्छा ➾
तितीर्षा
- तारों
से भरी रात ➾ विभावरी
- तीनों
कालों का ज्ञान रखने वाला ➾
त्रिकालज्ञ
- तीनों
कालों को देखने वाला ➾ त्रिकालदर्शी
- तीनों
लोक ➾ त्रिभुवन
- तीनों
लोको का संगम ➾ त्रिलोक
- तुएल्त
कविता करने वाला कवि ➾ आशुकबि
- दीवाल
पर बने चित्र ➾ भित्तिचित्र
- दूध, दही, धृत शर्करा और मधु मिश्रित वह पदार्थ जो देवताओं और भगवान् के स्नान हेतु बनाया जाता है -पंचामृत
- दूसरे
देश में अपने राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने वाला ➾ राजदूत
- दूसरे
देश में रहने वाला ➾ प्रवासी
- दूसरों की बात व्यर्थ ही काटने वाला -किन्तुवादी
- दूसरों
के सुख के लिए स्वयं का त्याग ➾
आत्पोत्सर्ग
- दूसरों
को शिक्षा देने वाला ➾ परोपदेशक
- देवता
अथवा भूतादि द्वारा होने वाला दुःख ➾
आधिदैविक
- दो
धाराओं या नदियों के बीच का स्थान ➾
संगम
- दो
बार जन्म लेने वाला ➾ द्विज
- दो
भाषाएं बोलने वाला ➾ द्विभाषी
- दो
भिन्न भाषा-भाषियों के बीच मध्यस्थता करने वाला. ➾ द्विभाषिया
- दो
वस्तुएँ जो एक प्रकृति की हों ➾
सजातीय
- दोनों
भौहों का मध्यवर्ती स्थान ➾
त्रिकुटी
- दोपहर
का समय ➾ मध्याह्न
- दोपहर
के बाद का समय ➾ अपराह्न
- धरती और आकाश के बीच का स्थान -अंतरिक्ष
- धारण
करने वाली ➾ धारयित्री
- ध्यान
या विचार करने वाला ➾ ध्याता
- ध्वनि
सुनकर चलाया जाने वाला बाण ➾
शब्दवेधी
- नया
उत्पन्न हुआ ➾ नवजात
- नवीन
बनाने की क्रिया ➾ आधुनिकीकरण
- नष्ट हो जाने वाला -नष्टप्राय
- नीति
का ज्ञान रखने वाला ➾ नीतिज्ञ
- नीले रंग का कमल -नीलोत्पल
- पखवारे
में एक बार होने वाला ➾ पाक्षिक
- पति के द्वारा छोड़ दी गई स्त्री -परित्यक्ता
- पत्ते
की बनी हुई कुटी ➾ पर्णकुटी
- परम्परा से सुना हुआ आनुश्रविक
- परम्परा
से सुनी हुई बात या उक्ति ➾
अनुश्रुति
- परीक्षा
देने वाला ➾ परीक्षार्थी
- परीक्षा
लेने वाला ➾ परीक्षक
- परोपकार
करने वाला ➾ परोपकारी
- पर्वत
के ऊपर की समतल भूमि ➾ अधित्यका
- पर्वत के पास की भूमि -उपत्यका
- पसीने
से उत्पन्न होने वाला ➾ स्वेदज
- पसीने से उत्पन्न होने वाला -स्वेदज
- पहनने
के योग्य ➾ परिधेय
- पुलिस
या सेना का नया सिपाही ➾ रंगरूट
- पुस्तक
की हाथ से लिखी हुई प्रति ➾
पांडुलिपि
- पूँछने
के योग्य ➾ प्रष्टन्य
- पूरब
और उत्तर के बीच की दिशा ➾ ईंशानकोण
- पूर्ण
रूप से पका या पचा हुआ ➾ परिपक्व
- पृथ्वी ओर ग्रहों के बीच का स्थान -अंतरिक्ष
- पृथ्वी
और सूर्यादि लोकों के मध्य का स्थान ➾
अंतरिक्ष
- पृथ्वी
पर रहने वाले जीव ➾ थलचर
- पेट
की अग्नि ➾ जठराग्नि
- पैर से मस्तक तक -आपादमस्तक
- प्रतिकार
करने या बदला चुकाने की इच्छा ➾
प्रतिच्चिकीर्षा
- प्रत्येक
पदार्थ को क्षणिक और नश्वर मानने वाला ➾
अनित्यवादी
- प्रत्येक
सप्ताह होने वाला ➾ साप्ताहिक
- प्राण
रक्षा करने वाला ➾ प्राणद
- प्रारम्भ
से लेकर अन्त तक ➾ आद्योपान्त
- प्रार्थना
करने वाला ➾ प्रार्थी
- फल
की आकांक्षा से युक्त ➾ फलासक्त
- फाड़ा
हुआ ➾ विदीर्ण
- बचपन
और जवानी के बीच का समय ➾ बयःसन्धि
- बच्चों
को सुलाने की गीत और थपकी ➾
लोरी
- बड़ा
भाई ➾ अग्रज
- बनावटी
वेश धारण करने वाला ➾ छद॒मवेशी
- बरसात
के चार महीने ➾ चौमासा
- बहुत
दिनों तक रहने वाला ➾ चिरस्थायी
- बहुत
पढ़ी-लिखी महिला ➾ विदुषी
- बहुत
समय तक जीने वाला ➾ चिरंजीवी
- बारह से सोलह वर्ष आयु की नायिका -किशोरी
- बालक
से वृद्ध तक आबाल ➾ वृद्ध
- बाहर
आया या निकला हुआ ➾ बहिर्गत
- बिगड़ा
हुआ शब्द ➾ अपभ्रंश
- बिजली
का चमकना ➾ विद्युतद्युति
- बिना
पलक गिराये ➾ निर्निमेष
- बिना
सोच विचार के अन्धवत् अनुकरण करने वाला ➾
गतानुगतिक
- बुरे
स्वभाव वाला ➾ दुर्व्यसनी
- बेटी
का पति ➾ जामाता
- ब्रह्मरूप
में समाहित होने की रमणीक स्थिति ➾
चिद्विलास
- भगवान
के सहारे अनिश्चित आय की प्राप्ति ➾
आकाशवृत्ति
- भगवान
को मानने वाला ➾ आस्तिक
- भला
चाहने वाला ➾ शुभचिन्तक
- भला
चाहने वाला ➾ हितैषी
- भले-बुरे
की पहचान का ज्ञान ➾ विवेक
- भविष्य
में होने वाली बात ➾ भावी
- भारत
और यूरोप से सम्बन्धित ➾ भारोपीय
- भूख
से आकुल ➾ क्षुधातुर
- भूत,
भविष्य और वर्तमान को देखने वाला ➾
त्रिकालदर्शी
- मछली
के समान जिसकी आँखें हों ➾ मीनाक्षी
- मछली
पकड़ने वाली जाति ➾ धीवर
- मन की बात जानने वाला -अंतर्यामी
- मनमाना
काम करने वाला ➾ स्वेच्छाचारी
- मरने
की इच्छा या कामना ➾ मुमूर्षा
- मांस
भक्षण करने वाला ➾ मांसाहारी
- मिठाई
बनाकर बेचने वाला ➾ हलवाई
- मृत्यु
का इच्छुक ➾ मुमूर्ष
- मोक्ष
की इच्छा रखने वाला➾ मुमुक्षु
- यज्ञ
करने या कराने वाला ➾ याज्ञिक
- यन्त्र
सम्बन्धी ➾ यांत्रिक
- युग
का निर्माण करने वाला युग ➾
निर्माता
- युद्ध
करने या लड़ने की इच्छा ➾ युयुत्सा
- युद्ध
करने या लड़ने की इच्छा रखने वाला ➾
युयुत्सु
- रखने
के लिए दी गई वस्तु ➾ धरोहर
- राजनीतिज्ञों एवं राजपूर्तों की कला -'कूटनीति
- राज्य
के प्रति क्रिया गया विद्रोह ➾
राजद्रोह
- रात
को दिखायी न देने वाला रोग ➾
रतौंधी
- रात्रि
का तीसरा पहर ➾ त्रियामा
- रात्रि
का दूसरा प्रहर ➾ निशीथ
- रात्रि
का प्रथम प्रहर ➾ प्रदोष
- रात्रि
के चार बजे का समय ➾ बह्ममुहूर्त
- राधा
का पुत्र ➾ राधेय
- रानी
के रहने वाला स्थान ➾ रनिवास
- राष्ट्र
का प्रधान ➾ राष्ट्रपति
- राह
या मार्ग का भोजन ➾ पाथेय
- रूप
में समान हो ➾ अनुरूप
- रोंगटों
के उभार से युक्त ➾ रोमान्चित
- लम्बे
या बड़े उदर वाला ➾ लम्बोदर
- लालसा
रखने वाला ➾ लालायित
- लालिमा
से युक्त ➾ रक्तिम
- लुभाया
या ललचाया हुआ ➾ लुब्ध
- लेने
देने की विधि ➾ विनिमय
- लौटकर
आया हुआ ➾ प्रत्यावर्ती
- वंश
में उत्पन्न व्यक्ति ➾ वंशज
- वह कथा जो जन-साधारण में प्रचलित हो -किंवदन्ती
- वह कवि जो तत्क्षण कविता कर सके। -आशुकवि
- वह
कार्य जो बिना वेतन के संभाला जाए ➾
अवैतनिक
- वह
काव्य जिसका अभिनय हो सके ➾
रूपक
- वह
जो भूतकाल की तिथि से लागू हुआ हो ➾
भूतलक्षी
- वह
नायिका जिसका पति परदेस से लौटा हो ➾
आगतपतिका
- वह
नायिका जिसका पति रात को किसी अन्य स्त्री के पास रहकर सबेरे आये ➾ खण्डिता
- वह नायिका जो कृष्ण पक्ष में अपने प्रेमी से मिलने जाती हो - कृष्णाभिसारिका
- वह
बात जिसकी सिद्धि के हेतु प्रमाण अनावश्यक हो ➾ स्वतःसिद्ध
- वह
मास जो चन्द्रमा की गति के अनुसार गिना जाता
है ➾ चअन्द्रमास
- वह
वस्तु जिसमें बाण रखा जाता है ➾
तूणीर
- वह
विषय जिसका ज्ञान इन्द्रियों द्वारा हो सके जो छिपाने के योग्य हो गोपनीय ➾ गोचर
- वह
व्यक्ति जो अपने ऋणों को चुकता करने में असमर्थ हो ➾ दिवालिया
- वह
स्त्री जिसका पति दूसरा विवाह कर ले ➾
अध्यूढा
- वह
स्थिति जब मुद्रा का चलन अधिक हो ➾
मुद्रास्फीति
- विकृत
शब्द ➾ अपभ्रंश
- विज्ञान
का ज्ञाता ➾ वैज्ञानिक
- विदेश
से सम्बन्धित ➾ वैदेशिक
- विद्यार्थी
की सहायतार्थ धन ➾ छात्रवृत्ति
- विशेष
आदेश जो किसी समय निश्चित अवधि तक लागू हो ➾
अध्यादेश
- विश्वास
करने योग्य ➾ विश्वसनीय
- विष्णु
का उपासक ➾ वैष्णव
- वे
कस्तुयें जो विरोधी प्रकृति की हों ➾
विजातीय
- व्यर्थ खर्च कर डालने वाला -अपव्ययी
- व्याकरण
का ज्ञाता ➾ वैदयाकरण
- शक्ति
की आराधना करने वाला ➾ शाक्त
- शक्ति
के अनुसार ➾ यथाशक्ति
- शत्रु
का हनन करने वाला ➾ शत्रुघ्न
- 'शपथपूर्वक
दिया हुआ लिखित बयान ➾ हलफनामा
- शरण
में जो आया हो ➾ शरणागत
- शाम
का वह समय जब पशु चरकर लौटते हैं ➾
गोधूलि
- शिव
की उपासना करने वाला ➾ शैव
- शीघ्र
आग पकड़ने वाला ➾ प्रज्ज्जलनशील
- श्वास-प्रश्वास
की गति का नियमन ➾ प्राणायाम
- संदेश ले जाने वाला -संदेशवाहक
- सदैव
रहने वाला ➾ शाश्वत
- सब
कुछ जानने वाला ➾ सर्वज्ञ
- सबको
समान भाव से देखने वाला ➾ समदर्शी
- सबसे
पहले गिना जाने वाला ➾ अग्रगण्य
- समान रूप से ठण्डा और गरम। -समशीतोष्ण
- सम्पूर्ण
पृथ्वी से सम्बन्धित ➾ सार्वभौम
- सम्पूर्ण
लक्ष्य पर लक्षण का न घटित होना ➾
अव्याप्ति
- सरलता
से प्राप्त होने वाला ➾ सहज /सुलभ
- सर्व
युगानुकूल ➾ शाश्वत
- सर्वसाधारण
को सूचित करने या जताने की क्रिया ➾
विज्ञप्ति
- सर्वसाधारण
से सम्बन्ध रखने वाला ➾ सार्वजनिक
- साधारण
या व्यापक नियम के विरुद्ध चीजें ➾
अपवाद
- साफ-साफ
कहने वाला ➾ स्पष्टवादी
- सारे देश की खेल प्रतियोगिताएँ -ओलम्पिक
- सारे
संसार में फैला हुआ ➾ सर्वव्यापक
- सिंह
का बच्चा ➾ सिंहशावक
- सुन्दर बड़े बालों वाली स्त्री -केशिनी
- सूक्ष्म
भोजन करने वाला ➾ मिताहारी
- सूक्ष्मता
से देखने वाला प्रेक्षक जिसका पति परदेश गया हो ➾ प्रोषितपतिका
- सूर्य
जिस स्थान से निकलता है ➾ उदयाचल
- सेना
के ठहरने का स्थान ➾ स्कन्धावार
- सेवा
और आराधना करने योग्य ➾ सेव्य
- सौ
वर्ष का समय ➾ शताब्दी
- सौ
वर्षों का समूह ➾ शतवर्षम्
- सौ
वस्तुओं का संग्रह ➾ शतक
- सौतेली
माता ➾ विमाता
- स्वेच्छा
से पारिश्रमिक के बिना ही ➾
स्वयंसेवक
- हँसी
के योग्य ➾ हास्यास्पद
- हमेशा
घूमते रहने वाला ➾ यायावर
- हवन
की वस्तु ➾ हवि
- हाथ
का लिखा हुआ ➾ हस्तलिखित
- हाथ
की कारीगरी ➾ हस्तकौशल
- हाथ
की चतुराई ➾ हस्तलाघव
- हाथ
में आया हुआ ➾ हस्तगत
- हाथ
से शीघ्र काम करने वाला ➾ क्षिप्रहस्त
- हाथी की तरह चलने वाली स्त्री -गजगामिनी
- हाल
की व्याही, और शील वाली नायिका ➾
नवोढ़ा
- हास्यरस
प्रधान कहानी या लेख ➾ प्रहसन
- हिरण
की आँख के समान आँखों वाली ➾
मृगनयनी
- हिलोरें
उत्पन्न करने वाला ➾ बिलोडक
- हिसाब-किताब
की जांच करने वाला ➾ अंकेक्षक
- हृदय
पर प्रभाव डालने वाला ➾ हृदयस्पर्शी
Download PDF: 15 Pages
Anek Shabdon Ke Liye Ek Shabd(pdf)
0 Comments:
Post a Comment