काल (TENSES) - काल की परिभाषा | काल के भेद (प्रकार) और उदाहरण | Kal / Kaal in Hindi

काल (TENSES) - काल की परिभाषा | काल के भेद (प्रकार) और उदाहरण | Kal / Kaal in Hindi

    काल | Tenses in Hindi | Kaal in Hindi

    समय "काल" को दर्शाता है। क्रिया के जिस रूप से कार्य के होने के समय का पता चले उसे काल कहते हैं। 

    जो समय जा चुका या जो समय चल रहा है या फिर जो समय आने वाला है सब काल कहलाते है।

    जैसे -

    कल मैने फिजिक्स पढ़ी थी। 

    अभी मैं फिजिक्स पढ़ रही हूँ। 

    कल मै फिजिक्स पढुगी।


    उपर्युक्त वाक्यों में क्रियाएँ अलग-अलग समय में हो रही हैं। इस प्रकार से क्रिया के समय दर्शाने को ही ‘काल’कहते हैं।


    उदहारण के रूप में अगर हम देखे -


    मै पढ़ रही हूँ। 

    यह वाक्य वर्तमान काल को दर्शाता है।


    मै ग्रेजुएशन कर चुकी हूँ।

    इस वाक्य में जो चुका है वह भूतकाल को दर्शाता है। अर्थात यह कार्य हो चुका है। 


    मै टीचर बनुगी।

    इस वाक्य में जो " बनुगी "शब्द है वह भविष्य काल को दर्शाता है।

    जो काम करना है। अर्थात जो अभी तक नहीं हुआ है। 



    काल के कितने भेद हैं? / काल कितने प्रकार के होते हैं?

    काल के भेद | Kinds of Tense in Hindi 

    काल मुख्यत: तीन प्रकार के होते है।

    १. भूतकाल (जो समय बीत चुका है।)

    २. वर्तमान काल (जो समय अभी चल रहा है।)

    ३. भविष्य काल (आगे आने वाला समय।)



    १. भूतकाल (Past Tense in Hindi)

    भूतकाल वह काल या वह समय है जो बीत चुका /जो समय जा चुका ।क्रिया के जिस रूप से बीते हुए समय का बोध हो उसे भूतकाल कहते है।


    उदाहरण के लिए-

    १) मै दिल्ली गई थी। 

    २) मै खाना खा चुकी। 

    ३) मै ग्रेजुशन कर चुकी। 

    ४) वह डॉक्टर बन चुका। 

    ५)  उसने मुझे एक पाठ पढ़ाया था। 

     ये सभी वाक्य भूतकाल को दर्शाते है।



    भूतकाल के कितने भेद हैं? / भूतकाल कितने प्रकार के होते है?

    भूतकाल के प्रकार / भेद -

    (i) सामान्य भूतकाल

    (ii) आसन्न भूतकाल

    (iii) पूर्ण भूतकाल

    (iv) अपूर्ण भूतकाल

    (v) संदिग्ध भूतकाल

    (vi) हेतुहेतुमद् भूतकाल



    (i) सामान्य भूतकाल:

    क्रिया समाप्त हुए को कुछ समय हुआ हो इस दौरान हम यह निश्चित नहीं कर सकते कि भूतकाल में यह कार्य किस समय किया गया है और जिन वाक्यों के अंत में आ, ई, ए, था, थी, थे आते हैं, वे सामान्य भूतकाल होता है।


    उदाहरण के लिए 


    १)मैडम पढ़ा कर गई। 

    इस वाक्य में मैडम पढ़ा कर गई लेकिन उसका कोई निश्चित समय नही है की कब पढ़ा कर गई ऐसे वाक्य सामान्य भूतकाल होते है।


    २)मैने पुस्तक पढ़ी।

    इस वाक्य में लिखा है मैने पुस्तक पढ़ी लेकिन कब पढ़ी हमे यह ज्ञात नहीं है।


    ३) मै उससे मिल कर आई।

    इस वाक्य में यह नहीं दर्शाया गया की मैं उससे कब मिल कर आई ऐसे वाक्य सामान्य भूतकाल में आते है।



    (ii) आसन्न भूतकाल:

    जिस क्रिया के अभी-अभी या निकट के भूतकाल में पूरा होने का पता चले, जो कुछ समय फल की बात को दर्शाए  उसे आसन्न भूतकाल कहते हैं।


    जैसे-


    १)मैने अभी खाना खाया है।

    इसमें खाना खाया है लेकिन अभी, अर्थात कुछ समय पहले की बात को वयक्त कर रहा है यह वाक्य।


    २) मैने पढ़ने के बाद अपनी पुस्तक अभी रखी है।

    यह वाक्य भी कुछ देर पहले की बात को प्रतीत कर रहा है ऐसे वाक्य आसन्न भूतकाल के होते है।


    ३) मेरी दोस्त अभी गई है।

    ये वाक्य भूतकाल का है दोस्त जा चुकी लेकिन अभी गई ह इस वजह से यह वाक्य आसन्न भूतकाल का है।



    (iii) पूर्ण भूतकाल

     ऐसे वाक्य जिसमे कार्य के पूर्ण होने का  बोध हो उसे पूर्ण भूतकाल कहते हैं। दूसरे शब्दों के अगर हम कहे ऐसे वाक्य जिसमे कार्य पूरा हो चुका हो।


    जिन वाक्यों के अंत में था, थी, थे, चूका था, चुकी थी, चुके थे आदि आते हैं, वो पूर्ण भूतकाल होता है।


    जैसे-


    १) मैने एक पाठ पढ़ा था।

    इस वाक्य में जो पाठ पढ़ा है वह कार्य पूरा हो चुका ,पाठ पढ़ा जा चुका है यह कार्य के पूर्ण होने का बोध कराता है।


    २) उसके आने से पहले मै खाना खा चुकी थी ।

    खाना खा चुकी थी अर्थात कार्य पूरा हो चुका यह पूर्ण भूतकाल को दर्शाते है।



    iv) अपूर्ण भूतकाल:

    क्रिया के जिस रूप से कार्य के भूतकाल में शुरू होने का पता चले लेकिन खत्म होने का पता न चले  कार्य शुरू होने के बाद नियंत्रण चलता रहे उस कार्य के पुर्ण होने की कोई समय सीमा निर्धारित ना हो  उसे अपूर्ण भूतकाल कहते हैं। जिन वाक्यों के अंत में रहा था, रही थी, रहे थे आदि आते हैं, वे अपूर्ण भूतकाल होते हैं।


    जैसे :


    १) वह खाना खा रहा था।

    इस वाक्य में उसके खाना शुरू करने की निश्चिंत सीमा ह लेकिन वह खाना कब खा चुकेगा इसकी कोई निर्धारित समय सीमा नही है ऐसे वाक्य अपूर्ण भूतकाल कहलाते है।


    २) राम  पढ़ रहा था।

    अब इस वाक्य में राम कब तक पढ़ेगा ऐसा निर्धारित नहीं है।हमे कार्य शुरू होने की जानकारी है लेकिन कार्य कब पूर्ण होगा इसकी कोई निश्चित समय नही है।



    (v) संदिग्ध भूतकाल

    जिस क्रिया से कार्य होने में अनिश्चितता अथवा संदेह प्रकट हो, उसे संदिग्ध भूतकाल कहते है। इसमें यह सन्देह बना रहता है कि भूतकाल में कार्य पूरा हुआ या नही। उसे संदिग्ध भूतकाल कहते हैं। जिन वाक्यों के अंत में गा, गे, गी आदि आते हैं, वे संदिग्ध भूतकाल होते हैं।


    जैसे-


    १) वह जा चुका होगा।

    इस वाक्य में संदेह जताया जा रहा है की शायद वह जा चुका होगा या नहीं भी गया होगा ऐसे वाक्य संदिग्ध भूतकाल होते हैं।


    २) वह सो चुका होगा। 

    इस वाक्य में संदेह प्रकट हो रहा है की शायद ही वह सोया होगा या नहीं भी ।


    ३) वह खाना खा चुका होगा। 


    ४) तुम्हारे जाने से पहले रेल जा चुकी होगी। 


    इन सभी वाक्य में संदेह जताया जा रहा है ।



    (vi) हेतुहेतुमद् भूतकाल

    जहाँ भूतकाल में किसी कार्य के न हो सकने का वर्णन कारण के साथ दो वाक्यों में दिया गया हो, वहाँ हेतुहेतुमद् भूतकाल होता है जिस रूप से यह पता चले कि कार्य हो सकता था लेकिन दूसरे कार्य की वजह से हुआ नहीं, उसे हेतुहेतुमद् भूतकाल कहते हैं।


    जैसे- 


    १) अगर वह पढ़ता तो पास हो जाता।

    इस वाक्य में अगर वह पढ़ता तो ही पास होता इस वाक्य में पता चल रहा है की कार्य हो सकता था लेकिन दूसरे की वजह से नहीं हुआ 


    २) वह डॉक्टर को दिखाता तो जिंदा रहता।

    इसमें दो वाक्य परस्पर जुड़े हुए है अगर वह डॉक्टर से इलाज करवाता तो ही जिंदा रहता 


    ३) वह मेहनत करता तो अवश्य सफल होता।

     ये सभी वाक्य  हेतुहेतुमद् भूतकाल के है।



    २. वर्तमान काल (Present Tense in Hindi)

    क्रिया के जिस रूप से यह पता चले की काम अभी हो रहा है, जो चलते हुए समय को दर्शाते है उसे वर्तमान काल कहते हैं। जिन वाक्यों के अंत में ता, ती, ते, है, हैं आते हैं, वो वर्तमान काल कहलाता है।

    जैसे-

    १) पेपर चल रहा है।

    २) खाना खा रहा है।

    ३) वह पढ़ रहा है।

    ४) वह जॉब की प्रिपरेशन कर रहा है।

    ५) वह फोन में वीडियो देख रहा है।

    यह सभी वाक्य वर्तमान काल को दर्शाते है।



    वर्तमान काल के कितने भेद हैं ? / वर्तमान काल कितने प्रकार के होते हैं ?

    वर्तमान काल के भेद / प्रकार:

    (i) सामान्य वर्तमान काल

    (ii) अपूर्ण वर्तमान काल

    (iii) पूर्ण वर्तमान काल

    (iv) संदिग्ध वर्तमान काल

    (v) तात्कालिक वर्तमान काल

    (vi) संभाव्य वर्तमान काल



    सामान्य वर्तमान काल:

    जिसमे हमे कार्य के शुरू होने का और समाप्त होने का पता ना चले ,कार्य की पूर्णता और अपूर्णता का पता न चले उसे सामान्य वर्तमान काल कहते हैं।जिन वाक्यों के अंत में ता है, ती है, ते है, ता हूँ, ती हूँ आदि आते हैं उसे सामान्य वर्तमान काल कहते है।


    जैसे-


    १) वह गाना गाती है।

    वह गाना कब से गा रही है और कब तक गायेगी इस बात की हमे कोई  जानकारी नहीं है तथा क्रिया के सामान्य रूप का वर्तमान में होने का पता चलता है।


    २) वह पढ़ती है।

    इस वाक्य में वह कब से पढ़ रही है इस बात का हमे कोई अंदाजा नहीं है ऐसे वाक्य सामान्य वर्तमान काल कहलाते है।



    (ii) अपूर्ण वर्तमान काल:

    क्रिया के जिस रूप से कार्य के लगातार होने का पता चलता है, उसे अपूर्ण वर्तमान काल कहते है। जिन वाक्यों के अंत में रहा है, रहे है, रही है, रहा हूँ आदि आते है, उसे अपूर्ण वर्तमान काल कहते है।


    जैसे -


    १) वह पढ़ रहा है।

    इसने कार्य वर्तमान में  लगातार हो रहा है यह अपूर्ण वर्तमान काल का उदाहरण है।


    २) वह गाना गा रहा है। 

    ३) वह खाना खा रहा है।

    ४) वह जा रहा है।

    ५) राम नाच रहा है।

    ६) गीता फोन पर बात कर रही है।

    ७) श्याम स्कूल जा रहा है।



    (iii) पूर्ण वर्तमान काल:

    क्रिया के जिस रूप से कार्य के अभी पूरे होने का पता चलता है। कुछ समय पहले की बात की हो उसे पूर्ण वर्तमान काल कहते है।


    जैसे-


    १) उसने खाना खाया है।

    २) राम अभी अपने घर से आया है।

    ३) उसने अभी टीवी देखा है।

    ४) श्याम ने अभी एक चॉकलेट खाई है।

    ५) गीता अभी घर आई है।

    ६) पानी की मोटर अभी चलाई है।



    (iv) संदिग्ध वर्तमान काल:

    जिस कार्य के होने पर शक हो या संदेह हो की वह कार्य हुआ होगा या नहीं हुआ होगा उसे संदिग्ध वर्तमान काल कहते है। अथार्त जिन वाक्यों के अंत में ता होगा, ती होगी, ते होंगे आदि आते हैं, उसे संदिग्ध वर्तमान काल कहते हैं।


    जैसे -


    १) वह पढ़ रही होगी।

    इस वाक्य में जो पढ़ रही होगी वह संदेह वयक्त कर रहा है जरूरी नही ह की वह पढ़ ही रही होगी।


    २)  राम खेल रहा होगा।

    इसमें जरूरी नही है की राम खेल रहा होगा उसमें संदेह की स्थिति बनी हुई है, अतः यहाँ संदिग्ध वर्तमान है।


    (v) तात्कालिक वर्तमान काल

    क्रिया के जिस रूप से यह पता चलता हो कि कार्य वर्तमान में हो रहा है, उसे तात्कालिक वर्तमान काल कहते हैं। इनके पूर्ण होने का पता नहीं चलता। इस वाक्य के अंत में रहा है, रहे है, रही है, रहा हूँ आदि आते है। 


    जैसे- 


    १) मै खाना खा रहा हूं।

    ये कार्य तत्काल में हो रहा है कार्य वर्तमान में चल रहा है खाना खाया जा रहा है।


    २) मै पढ़ रही हू।

    यह काम वर्तमान में हो रहा है और अभी भी लगातार हो रहा है ऐसे वाक्य तात्कालिक वर्तमान काल को दर्शाता है।



    (vi) संभाव्य वर्तमान काल:

    जिस कार्य की वर्तमान में कोई संभावना हो की वह कार्य हो भी सकता है और नहीं भी।जिसमे संभावना वयक्त की जाए ,वर्तमान काल में काम के पूरे होने की संभावना होती है उसे संभाव्य वर्तमान काल कहते हैं।


    ऐसे वाक्य के अंत में या है, यी है, ता है, ती है आदि आते हैं।


    जैसे- 


    १) उसने खाना खाया हो। 

    इस वाक्य में वर्तमान की संभावना को वयक्त किया जा रहा है जरूरी नहीं ह की उसने खाना खाया हो।लेकिन संभावना के आधार पर हम कह सकते है की क्या पता उसने खाना खाया हो ।


    २) वह पढ़ा हो। 

    जरूरी भी नहीं है की वह पढ़ा हो लेकिन संभावना वयक्त की जा रही हैं की वह पढ़ा हो क्या पता ऐसे वाक्य को संभाव्य वर्तमान काल कहते हैं। 



    ३. भविष्य काल (Future Tense in Hindi)

    क्रिया के जिस रूप से क्रिया के आने वाले समय में पूरा होने का पता चले उसे भविष्य काल कहते हैं। इससे आगे आने वाले समय का पता चलता है। जिन वाक्यों के अंत में गा, गे, गी आदि आते हैं। 


    जैसे-


    १) मै सोउगा।

    २) राम जायेगा।

    ३) वह पढ़ेगा।

    ४) वह अच्छे अंक से उत्तीर्ण होगा। 

    ५) वह अवश्य सफल होगा।

    इन अभी वाक्य में भविष्य के बारे में जानकारी दी जा रही है।



    भविष्य काल के कितने भेद हैं? / भविष्य काल कितने प्रकार के होते हैं?

    भविष्य काल के भेद / प्रकार:

    (i) सामान्य भविष्य काल

    (ii) संभाव्य भविष्य काल

    (iii) हेतुहेतुमद्भविष्य भविष्य काल



    (i) सामान्य भविष्य काल:

    क्रिया के जिस रूप से क्रिया के सामान्य रूप का भविष्य में होने का पता चले उसे सामान्य भविष्य काल कहते हैं। अथार्त जिन शब्दों के अंत में ए गा, ए गी, ए गे आदि आते हैं उन्हें सामान्य भविष्य काल कहते हैं। इससे क्रिया के भविष्य में होने का पता चलता है।


    जैसे-


    १) गीता पढ़ेगी। 

    वह वर्तमान में नहीं पढ़ रही है लेकिन भविष्य में गीता पढ़ेगी। 


    २) सीता की मेहनत को देख कर लग रहा है वह जरूर सफल होगी। 

    इस वाक्य में सीता के भविष्य की बात की गई है।की सीता एक दिन जरूर सफल होगी वर्तमान में तो सीता सफल नहीं है


    ३) वह लड़का डॉक्टर बनेगा।


    ४) वह पिज्जा खायेगा।


    ५)वह फुटबॉल ही खेलेगा 



    (ii) संभाव्य भविष्य काल:

    जिस कार्य में भविष्य को लेकर कोई संभावना वयक्त की जाए जिसमे भविष्य में किसी कार्य के होने की संभवना होती है। उसे संभाव्य भविष्य काल कहते हैं।


    जैसे-


    १) शायद वह पास हो जाए। 

    इस वाक्य में भविष्य की बात हो रही है लेकिन साथ में संभावना वयक्त की जा रही है की शायद वह पास हो जाए।


    २)क्या पता राम कल यहा आए।

    इस वाक्य में भविष्य को लेकर संभावना वयक्त की जा रही है की शायद राम आए कोई निश्चित नहीं है की राम आएगा ही ।


    ये वाक्य संभाव्य भविष्य काल के उदाहरण है।



    (iii) हेतुहेतुमद्भविष्य भविष्य काल:

    क्रिया के जिस रूप से एक कार्य का पूरा होना दूसरी आने वाले समय की क्रिया पर निर्भर हो, उसे हेतुहेतुमद्भविष्य भविष्य काल कहते है। इसमें एक कार्य का होना दूसरे पर निर्भर करता है। अगर ऐसा होगा तो वैसा होगा ।


    जैसे- 


    १) मेरे अच्छे अंक आयेंगे तो ही मेरा एडमिशन होगा।

    इसमें बात भविष्य की हो रही है। की अच्छे अंक आयेंगे तो ही एडमिशन होगा। एडमिशन होना निर्भर करता है अंक पर , एक क्रिया दूसरे पर निर्भर करती है।


    २) वह खाना लेकर आएगा तो ही मै खाऊंगा।

    इसमें अगर वह खाना लेकर आएगा तो ही खायेगा।  खाना जो क्रिया है वो निर्भर कर रही है खाना लेकर आने पर। एक कार्य का होना दूसरे पर निर्भर है। ऐसे वाक्य हेतुहेतुमद्भविष्य भविष्य काल कहलाते है।


    ३) कॉलेज की छुट्टी हुई तो ही मै घर जाउंगी।


    ४) मेरे पास पैसे होंगे तभी शॉपिंग करूंग।


    ५) मै मार्केट जाउंगी तभी नई पुस्तक खरीद कर लाउगी।


    इन सभी वाक्य में एक कार्य का होना दूसरे पर निर्भर कर रहा है।

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