श्रेणी(Progression) के प्रकार :
समान्तर श्रेणी का nवां पद निकालने के लिए निम्नलिखित सूत्र का प्रयोग करते हैं-
श्रेणियां तीन प्रकार की होती हैं
- समान्तर श्रेणी (Arithmetic Progression)
- गुणोत्तर श्रेणी (Geometric Progression)
- हरात्मक श्रेणी (Harmonic Progression)
समान्तर श्रेणी Samantar Shreni |
समान्तर श्रेणी (Arithmetic Progression): यदि किसी श्रेणी के दो लगातार पदों का अंतर एक सामान हो तो ऐसी श्रेणी को समान्तर श्रेणी (Arithmetic Progression) कहते हैं समान्तर श्रेणी के पदों के बीच के अंतर सर्वान्तर (Common defference) d तथा प्रथम पद ( First term) को a से प्रदर्शित करते हैं
उदाहरण : 1 , 4 , 7 , 10 , 13 , 16 एक समान्तर श्रेणी है
यदि कोई समान्तर श्रेणी दी हो जिसका प्रथम पद a1 , दूसरा पद a2 तीसरा पद a3 .......तथा nवां पद an हो
a1 , a2 , a3 ......., an एक समान्तर श्रेणी होगी और उस श्रेणी का
सर्वान्तर (Common Defference) d = a2 - a1 = a3 - a2 = a4 - a3 = an - an -1 होगा
यदि कोई समान्तर श्रेणी जिसका प्रथम पद तथा सर्वान्तर ज्ञात हो तो उस श्रेणी का दूसरा पद ज्ञात करने के लिए उसके प्रथम पद में सर्वान्तर d जोड़ते हैं तथा तीसरा ज्ञात करने के लिए उसके दूसरे पद में सर्वान्तर d जोड़ते हैं तथा चतुर्थ पद ज्ञात करने के लिए उसके तीसरे पद में सर्वान्तर d जोड़ते हैं
यदि कोई समान्तर श्रेणी जिसका प्रथम पद a तथा सर्वान्तर (Common defference) d हो तो
Tn= a+(n−1)d
Tn को समांतर श्रेणी (AP) का व्यापक पद भी कहते हैं।
यदि किसी समांतर श्रेणी (AP) में mn पद हो, तथा l इसके अंतिम पद को निरूपित करता हो
Tn= a+l
समान्तर श्रेणी के प्रकार (Types of Arithmetic Progression)
i. निश्चित समान्तर श्रेणी (Finite Arithmetic Progression)
वह समान्तर श्रेणी, जिसमें पदों की संख्या निश्चित हों, निश्चित समांतर श्रेणी कहते हैं। निश्चित समांतर श्रेणी में अंतिम पद दिया होता है।
उदाहरण 1, 2, 3, 4, ........, 10
3, 6, 9, 12, .........., 24
ii. अनंत समांतर श्रेणी (Infinite Arithmetic Progression)
वह समांतर श्रेणी, जिसमें पदों की संख्या अनंत हों, अनंत समांतर श्रेणी कहते हैं। अनंत समांतर श्रेणी में अंतिम पद नहीं होता है।
उदाहरण 1, 2, 3, 4, ........
3, 6, 9, 12, .....................
2. गुणोत्तर श्रेणी (Arithmetic Progression): यदि किसी श्रेणी के दो लगातार पदों का अनुपात हो तो ऐसी श्रेणी को गुणोत्तर श्रेणी (Arithmetic Progression) कहते हैं गुणोत्तर श्रेणी के पदों के समानुपात (Common ratio) r तथा प्रथम पद ( First term) को a से प्रदर्शित करते हैं
उदाहरण : 3 , 6 , 12 , 24 , 48 , 96 एक गुणोत्तर श्रेणी है
यदि कोई गुणोत्तर श्रेणी जिसका प्रथम पद a तथा समानुपात r हो तो
गुणोत्तर श्रेणी का nवां पद निकालने के लिए निम्नलिखित सूत्र का प्रयोग करते हैं-
3. हरात्मक श्रेणी (Harmonic Progression): हरात्मक श्रेणी वह श्रेणी होती है जोकि समान्तर श्रेणी के पदों को व्युत्क्रम करने पर प्राप्त होती है
उदाहरण :
यदि कोई श्रेणी a , b , c ................ समान्तर श्रेणी (A P) में हो
श्रेणी 1/a , 1/b , 1/c ................ हरात्मक श्रेणी (H P) होगी
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