Hindi Varnamala क्या हैं? वर्णमाला की परिभाषा, वर्णमाला के भेद (प्रकार) एवं उदाहरण, हिंदी वर्णमाला की पूरी जानकारी, रूढ़ी, आबूगिदा एवं अबजद वर्णमाला।
वर्णमाला
अंग्रेजी में वर्णमाला' को 'ऐल्फ़बेट' (Alphabet) कहा जाता हैं।
अरबी, फ़ारसी, उर्दू तथा कुर्दी में वर्णमाला' को 'अलिफ़-बे' 'ا, ب' कहा जाता हैं।
किसी भी भाषा में, भाषा की सबसे छोटी इकाई वर्ण होती है। वर्ण एक हिंदी भाषा का शब्द है। अरबी, फ़ारसी एवं उर्दू में वर्ण को 'हुरूफ़' कहा जाता हैं। अंग्रेजी भाषा में वर्ण को 'Letter' कहते हैं।
वर्णमाला की परिभाषा:
"किसी भी भाषा में वर्णों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं।" राधा, गरिमा, अनिल, कबूतर, पतंग, सोहन आदि वर्णों के व्यवस्थित समूह हैं।
(Hindi Varnamala) हिंदी वर्णमाला क्या हैं? वर्णमाला की परिभाषा क्या है ?
हिंदी वर्णमाला:
हिंदी भाषा का जन्म संस्कृत भाषा से हुआ है। हिंदी भाषा को नगरी या देवनागरी भाषा के नाम से भी जाना जाता है। भाषा संस्कृत के भाषु शब्द से उत्पत्ति हुई है, जिसका अर्थ होता है- बोलना।
वर्ण: वर्ण किसे कहते हैं?
मनुष्य द्वारा बोली गयी सार्थक और अर्थपूर्ण ध्वनि 'भाषा' कहलाती है। भाषा को लिखने एवं व्यक्त करने के लिए कुछ चिन्हों की आवश्यकता होती है, जिन्हे वर्ण कहते है। वर्ण की सबसे छोटी इकाई धव्नि होती है जिसका लिखित रूप अक्षर होता है।
वर्ण भाषा की वह सबसे छोटी इकाई जिसके टुकड़े नहीं किए जा सकें, वर्ण कहते हैं। जैसे: क् ,प् , ख् , च ,आदि।
अक्षर:
हिंदी भाषा की वह सबसे छोटी इकाई जिसका खंडन(विभाजन) न किया जा सके, 'अक्षर' कहलाता है।
उच्चारण के आधार पर हिंदी में ४५ वर्ण होते हैं, जिनमें १० स्वर तथा ३५ व्यंजन होते हैं। लेखन के आधार पर हिंदी वर्णमाला में 52 वर्ण होते हैं। हिंदी वर्णमाला में कुल 13 स्वर, 35 व्यंजन तथा 4 संयुक्त व्यंजन होते हैं।
स्वर: स्वर किसे कहते हैं?
हिंदी भाषा में स्वतंत्र रूप से बोले जाने वाला "ध्वनि चिन्ह" जिसका उच्चारण स्वतंत्र हो स्वर कहलाता है। हिंदी वर्णमाला में स्वरों की कुल संख्या १३ होती है।
जैसे-
उच्चारण के आधार पर स्वर निम्नलिखित होते हैं -
अ, आ, ई, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ
हिंदी वर्णमाला में उच्चारण के आधार पर स्वरों की कुल संख्या 10 होती है।
लेखन के आधार पर स्वर निम्नलिखित होते हैं-
अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अ:
हिंदी वर्णमाला में लेखन के आधार पर स्वरों की कुल संख्या 13 होती है।
व्यंजन: व्यंजन किसे कहते हैं?
हिंदी भाषा में स्वरों की सहायता से बोले जाने वाले वर्ण व्यंजन कहलाते हैं। परम्परागत रूप से व्यंजनों की संख्या ३३ मानी गयी है परन्तु द्विगुण/ उलक्षिप्त व्यंजनों के मिलने से इनकी कुल संख्या ३५ होती है।
व्यंजन:- क, ख, ग, घ, ङ, च, छ, ज, झ, ञ, ट, ठ, ड, ढ, ण, त, थ, द, ध, न प, फ, ब, भ, म, य, र, ल, व, श, ष, स, ह और संयुक्त व्यंजन- क्ष, त्र, ज्ञ, श्र
हिंदी वर्णमाला में व्यंजनों की कुल संख्या 35 होती है।
वर्णमाला के भेद (प्रकार)
व्यंजनों के साथ स्वर जोड़ने की अलग - अलग विधियों के आधार पर वर्णमाला को निम्न भागों में विभाजित किया जा सकता हैं।
1. रूढ़ी वर्णमाला:
इस प्रकार की वर्णमाला में स्वरों को भिन्न-भिन्न चारों और वर्णों के साथ जोड़ते हैं।
2. आबूगिदा वर्णमाला:
इस प्रकार की वर्णमाला में मात्रा-चिन्हों के द्वारा स्वरों को जोड़ा और लगाया जाता है।
3. अबजद वर्णमाला:
इस प्रकार की वर्णमाला में व्यंजनों के किसी भी स्वर, मात्रा-चिन्ह या वर्ण का इस्तेमाल नहीं होता है। यहाँ इस प्रकार की वर्णमाला में सन्दर्भ देखकर पढ़ने वाले को अंदाजा लगाना होता है कि वह उस व्यंजन के साथ में किस स्वर का प्रयोग होगा।
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