# विटामिन डी
का निर्माण हमारे षरीर में बहुत तेजी से होता है।
# एस्कार्बिक
अम्ल(विटामिन सी), फोलिक अम्ल(विटामिन बी6), निकोटिन अम्ल(विटामिन
बी5), पैन्टोथेनिक अम्ल(विटामिन बी3)
सभी
विटामिनस है।
# दूध में प्रोटीन
और कार्बोहाइड्रेट के अतिरिक्त कैल्सियम और पोटैसियम सम्मलित होते है।
# केराटिन की
उपस्थिति के कारण गाय के दूध का रंग पीला होता है।
# मछली के यकृत
तेल में विटामिन डी की प्रचुर मात्रा होती है।
# विटामिन ऊर्जा
प्रदान नही करता है।
# अपोहन का
प्रयोग गुर्दे की क्रिया को पूरा करने के लिए होता है।
# नानबार्इ
की भटटी में डबल रोटी बनाते समय डबल रोटी को नरम और स्पंजी बनाने के लिए खमीर(यीस्ट) मिलाया जाता है। खमीर में कार्बनडार्इ आक्साइड
गैस होती है जो रोटी को मुलायम और स्पंजी बनाता है।
# मानव शरीर
में डीहाइड्रेशन जल की कमी के कारण होता है।
# एन्जाइम, अभिक्रियों की दर में वृध्दि अभिक्रिया की सक्रिय
ऊर्जा को घटाकर करते है
# नमकीन क्षेत्र
में होने वाली वनस्पतियों को हैलोफाइट कहते है।
# पारिस्थितिकी
तन्त्र की खाध श्रंखला का सही अनुक्रम पादप-शाकाहारी-मांसाहारी-अपघटक है।
# पौधे का पत्ती
वाला भाग श्वसन करता है
# केला और नारियल
एक बीजपत्री फल है।
# सिनकोना पौधे
के तने की छाल से कुनैन प्राप्त की जाती है।
# बीज के अंकुरण
में महत्वपूर्ण कारणों में प्रमुखत: हवा नमी एवं उपयुक्त ताप
होते है। सूर्य का प्रकाश नही होता है।
# यीस्ट और
मशरूम फफूँद (फंजार्इ) होते है।
# कीटों के
वैज्ञानिक अध्ययन को एन्टोमोलाजी कहते है।
# फल विज्ञान
के अध्ययन को पोमोलाजी कहते है।
# पुष्प विज्ञान
के अध्ययन को फ्लोरीकल्चर कहते है।
# सब्जी विज्ञान
के अध्ययन को ओलेरीकल्चर कहते है।
# आँख का वह
भाग जिसमें वर्णांक होल होता है तथा जो किसी व्यकित की आँखों का रंग निशिचत करता है
उसे आइरिस भाग कहते है।
# अमोनिया को
नाइट्रेट में बदलने में नाइट्रोसोमोनास भूमिका निभाता है।
# जीनोम चित्रण
का सम्बन्ध जीन्स के चित्रण से है।
# पंतगा बारूदी
सुरंगो का पता लगाने में उपयोगी होते है।
# एजोला नीलहरित
शैवाल एवं एल्फाल्फा जैव उर्वरक के रूप प्रयोग होते है।
# गिरगिट एक
आँख से आगे की ओर तथा उसी समय दूसरी आँख से पीछे की ओर देख सकता है।
# कृषि की वह
शाखा जो पालतु पशुओं के चारे आश्रय, स्वास्थ्य तथा प्रजनन से
सम्बधित होती है उसे पशुपालन (एनीमलहस्बेन्ड्री) कहते है।
# उत्तरी अमरीका में कभी सुअर जैसे जानवर रहते थे उनका नाम था
ओरियोडोंटस् । उनके नाम से तो लगता है कि उन्हें क्रीम-भरे बिस्कुट पसंद थे किंतु ये जानवर केवल वनस्पतियाँ ही खाते थे।
# आज से लाखों वर्ष पहले उत्तरी अमरीका में एपीगौलस ' प्रजाति के चूहे रहते थे। इन चूहों की नाक पर दो छोटे सींग होते थे जिनसे शायद वे अपना बिल खोदते हों।
# इतिहास से पहले के काल में उत्तरी अमरीका में हाथी की एक प्रजाति रहती थी जिसका मुँह एक बडे बेलचे के समान था। उस बेलचे के अंत में दो बडे आगे के दाँत थे।
# पृथ्वी पर रहने वाला सबसे बड़ा स्तनपाई जीव था 'जिराफ गैंडा '। वह एशिया में पाया जाता था। उसका भार 15 टन था। वह 27 फीट लंबा और 18 फीट ऊंचा था।
# 'शीत युग ' के दौरान उत्तरी अमरीका का अधिकतर भाग हिमशैलों (ग्लेशियरों) से ढँका था। हिमशैलों की परत कहीं-कहीं पर दो मील मोटी थी।
# उत्तरी और दक्षिणी अमरीका में कभी भीमकाय ' आर्माडैलो' रहते थे जो एक मोटरकार जितने बडे होते थे। उनका शरीर हड्डियों के सख्त खोल में बंद होता था। कुछ की पूँछ के पीछे एक बड़ी कँटीली घुंडी होती थी।
# कोआला ' असल में भालू नहीं हैं। आस्ट्रेलिया में रहने वाले बहुत-से स्तनपाई जानवरों की तरह कोआला भी धानी-प्राणी (मारसूपियल) होते हैं- जिनके छोटे बच्चे एक थैली में पनपते और बढ़ते हैं।
# कोआला से खाँसी की गोलियों जैसी खुशबू आती है क्योंकि वे केवल यूकेलिप्टस के पत्ते खाते हैं।
# कोआला ' दिन में लगभग 22 घंटे सोते हैं।
# आस्ट्रेलिया के रेगिस्तान में रहने वाला एक मेंढक साल में 11 महीने जमीन के अंदर सोता है। वह बारिश के कुछ दिनों में ही जमीन से ऊपर आकर खाता-पीता है और अंडे देता है।
# जब कंगारू का बच्चा जन्म लेता है तो वह एक मधुमक्खी के बराबर होता है। कंगारू का बच्चा अपनी माँ की थैली में 33 हफ्तों तक रहता है जहाँ वह दूध पीकर बड़ा होता है।
# कंगारू अच्छे तैराक होते है।
# तस्मानियाई 'डैविल ' (शैतान) असल में मारसूपियल होते हैं और देखने में बड़े चूहों जैसे लगते हैं। वे गुर्राते हैं और उनके धारदार दाँत होते हैं। तस्मानिया में मशहूर कार्टूनों में 'ताज ' नाम का तस्मानियाई 'डैविल ' दिखाया जाता है। परंतु वह इन चूहों से कहीं अधिक तेज और खूँखार है।
# पोटोरू ' छोटे केगारू होते हैं और खरगोश जितने बड़े होते हैं।
डिगो ' जंगली आस्ट्रेलियाई कुत्ते होते हैं। कुछ लोग डिंगो के पिल्लों को पकड़कर पालते हैं। बडे होकर वे अच्छे पालतू जानवर बनते हैं।
# संसार में केवल दो ही स्तनपाई जीव अंडे देते हैं- प्लैटीपस ' और कँटीला एंटईटर '। दोनों आस्ट्रेलिया में पाए जाते हैं।
# 'कसोवरी ' 5 फीट ऊँचा आस्ट्रेलियाई पक्षी है। उसके सिर पर हड्डियों से बनी एक सख्त टोपी और पैरों मेँ नुकीले पंजे होते हैं। कसोवरी अपनी एक जोरदार दुलत्ती से किसी आदमी को मार भी सकती है।
# जेरेन्टोलाजी
वृद्व अवस्था के अध्ययन को कहा जाता है।
# जनसंख्या
एवं मानव जाति के महत्वपूर्ण आंकडो के अध्ययन को जनांकिकी कहते है।
# एक जलीय पौधे
को हाइड्रोफाइट कहते है।
# हरे फलों
को कृत्रिम रूप से पकाने हेतु एसीटिलीन गैस का प्रयोग करते है।
# प्रकाश संष्लेशण
की कि्रया में प्रकाश ऊर्जा , रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित होती
है।
# .वृक्ष की
आयु का वर्शो में निर्धारण उसमें उपस्थित वार्शिक वलयों की संख्या के आधार पर किया
जाता है।
# सिरकोना की
छाल से प्राप्त औषधि को मलेरिया के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है। जिस कृत्रिम
औषधि ने इस प्राकृतिक औषधि के
प्रतिस्थापित किया
वह क्लोरोकिवन है।
# मृदा को नाइट्रोजन
से भरपूर करने वाली फसल मटर की फसल है।
# यदि जल का
प्रदूषण वर्तमान गति से होता रहा तो अन्तत: जल पादपों के लिए
आक्सीजन के अणु अप्राप्य हो जायेगें ।
# घोंसला बनाने
वाला एक मात्र सर्प नागराज (किंग कोबरा) है।
# नदियाें में
जल प्रदूषण की माप आक्सीजन की घुली हुर्इ मात्रा से की जाती है।
# शिशु का पित्रत्व
स्थापित करने के लिए डीएनए फिंगर प्रिंटिग तकनीक का प्रयोग किया जा सकता हैं।
# भारतीय किसान
टर्मिनेट बीज प्रौधोगिकी के प्रवेश से असंतुष्ट है क्योकि इस प्रौधोगिकी से उत्पादित
बीजों से अंकुरणक्षम बीज बनाने में असमर्थ पौधों के उगने की सम्भावना होती है।
# मछली के मांस
में बहुअसंतृप्त वसा अम्ल होते है इसलिए इसका उपभोग अन्य पशुओं के मांस की तुलना में
स्वास्थ्यकर माना जाता है।
# जीवाणु
, सूक्ष्म शैवाल और कवक उधोगों में सर्वाधिक व्यापक रूप से उपयोग में
आता है।
# प्याज की
खेती पौध का प्रतिरापण करके की जाती है।
# आक्टोपस एक
मृदुकवची (मोल्यूज) है।
# इफेडि्रन
एक औषधि है जिसका उपयोग अस्थमा रोग में होता है इसे जिम्नोस्पर्म से निकाला जाता है।
# चावल की फसल
के लिए नीलहरित शैवाल अच्छे जैव उर्वरक का कार्य करता है।
# रेशम का किडा
अपने जीवन चक्र के कोषित चरण में वाणिजियक तन्तु पैदा करता है।
# रक्त ग्लूकोज
स्तर सामान्यत: भाग प्रतिमिलियन में व्यक्त किया जाता है।
# लम्बे समय
तक कठोर शारीरिक कार्य के पश्चात मांसपेसियों में थकान अनुभव होने का कारण ग्लूकोज
का अवक्षय होना है।
# नीम के वृक्ष
ने जैव उर्वरक , जैव किटनाषी एवं प्रजननरोधी यौगिक स्त्रोत के
रूप में महत्व प्राप्त कर लिया है।
# नियासीन
(बी5), राइबोफ्लेविन(बी2),
थायमीन(बी1) एवं पिरीडाक्सीन
सभी विटामिन जल में विलेय है।
# उदर के लगा
हुआ मानव आंत का लघु ऊपरी भाग गृहणी (डयूओडिनम) कहलाता है।
# लोहा एन्जाइम्स
को सक्रिय करता है, मैगिनशियम वसा का संष्लेशण करती है,
क्लोरीन प्रकाश संष्लेशण में इलेक्ट्रानो का स्थानान्तरण करती है,
नाइट्रोजन प्रोटीन का संष्लेशण करती है।
# सर्वप्रथम
हार्वे ने रक्त परिसंचरण का सिध्दांत प्रतिपादित किया था उसके बाद डार्विन का विकास
सिध्दांत प्रतिपादित हुआ था उसके बाद मेंण्डल का वंशागति का नियम प्रतिपादित हुआ था
एवं तत्पश्चात डी ब्रीज का उत्परिवर्तन का सिध्दांत प्रतिपादित हुआ।
# एक वयस्क
मनुष्य के प्रत्येक जबडे में 16 दाँत पाये जाते है प्रत्येक जबडें
मे दाँतो का विन्यास - एक कैनाइन, दो प्रीमोलर,
दो इन्सीजर एवं तीन मोलर होता है।
# डार्विन का
सिद्वान्त-आरिजिन आफ स्पीषीज की व्याख्या का सही अनुक्रम अतिउत्पादन
- विभिन्नताएें- अस्तित्व के लिए संघर्श
- योग्यतम की उत्तरजीविता हैै।
# यदि किसी
द्विबीजपत्री जड को तिरछी दिशा में काटे , तो उसकी आन्तरिक संरचना
में बाहर से अन्दर की ओर जो भी भाग पाये जाते है अन्दर की ओर पाये जाने वाले भाग क्रमश:
इपिडर्मिस - कार्टेक्स - पेरीसाइकिल - वेस्कुल बण्डल होता है।
# मनुष्य को
विटामिन्स की जरूरत क्रमष: विटामिन के - विटामिन र्इ - विटामिन डी - विटामिन
ए आरोही क्रम में होती है
# ऊँट का औसत जीवन काल 30 वर्श , बिल्ली का औसत जीवन वर्ष 21 वर्ष , गाय का 16 वर्ष , घोडे का
62 वर्ष होता है
# अलास्का मेँ 1964 के भारी भूकंप के झटके आने से तुरंत पहले कोडिएक ' प्रजाति के भालू अपनी शीतनिद्रा छोड़कर उठ गए और गुफाओं से बाहर भागने लगे।
# गोलियाथ बीटिल ' (भृंग) इतनी शक्तिशाली होती हैं कि अकसर बच्चे उनसे छोटी-छोटी खिलौना-गाड़ियाँ बाँधकर बीटिलों के बीच दौड़ का मजा लेते हैं।
# बैरीसौरस ' नाम के डायनोसौर की गर्दन 4० फीट लंबी थी। कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार उसके 8 हृदय थे ताकि उसकी लंबी गर्दन में से होकर मस्तिष्क तक पहुंचाने के लिए खून को पंप किया जा सके।
# उत्तरी अमरीका अब के मुकाबले पहले कहीं अधिक गर्म था। वहाँ इतनी गर्मी थी कि एक जमाने में उत्तरी ध्रुव पर भी पेड उगते थे।
# अब तक की सबसे भारी चिड़िया का नाम था ड़ोंमोरनिस स्टिरटोनी मै। उसका भार आधे टन से ज्यादा था।
# नर 'प्लैटीपस ' के टखनों में नुकीले पंजे होते हैं। इन पंजों मैं इतना विष भरा होता है जो एक कुत्ते को मारने के लिए काफी होगा।
# 'बैंडीकूट ', चूहे जैसा छोटा और नुकीले चेहरे वाला मारसूपियल होता है।
# बैडीकूट की थैली पीछे को खुलती है। इसीलिए जब वह जमीन की खुदाई करता है, उसमें मिट्टी नहीं भरती।
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